Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Shubhkamnaye“ , “शुभकामनाएँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शुभकामनाएँ

 Shubhkamnaye

नये साल की शुभकामनाएँ!

खेतों की भेड़ों पर धूल-भरे पाँव को,

कुहरे में लिपटे उस छोटे-से गाँव को,

नए साल की शुभकामनाएँ!

जाते के गीतों को, बैलों की चाल को,

करघे को, कोल्हू को, मछुओं के जाल को,

नए साल की शुभकामनाएँ!

इस पकती रोटी को, बच्चों के शोर को,

चौंके की गुनगुन को, चूल्हे की भोर को,

नए साल की शुभकामनाएँ!

वीराने जंगल को, तारों को, रात को,

ठण्डी दो बन्दूकों में घर की बात को,

नए साल की शुभकामनाएँ!

इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को,

सिगरेट की लाशों पर फूलों-से ख्याल को,

नए साल की शुभकामनाएँ!

कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को,

हर नन्ही याद को, हर छोटी भूल को,

नये साल की शुभकामनाएँ!

उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे,

उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे,

नये साल की शुभकामनाएँ!

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.