Hindi Poem of Satyanarayan “ Is mausam me“ , “ इस मौसम में!” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इस मौसम में!

 Is mausam me

इस मौसम में

कुछ ज़्यादा ही तनातनी है।

सच है स्याह

सफ़ेद झूठ

यह आखिर क्या है?

धर्मयुद्ध है

या जेहाद है

या फिर क्या है?

इतिहासों के

काले पन्ने खुलते जाते

नादिरशाहों

चंग़ेजों की चली बनी है!

रह-रह

बदल रहा है मौसम

दुर्घटना में

लोग हस्तिनापुर में

हों या

हों पटना में

पानीपत की आँखों में

अब भी दहशत है

और आज भी

नालन्दा में आग़जनी है।

घड़ियालों की

बन आई है

समय नदी में

नये-नये

हो रहे तमाशे

नई सदी में

लहजे बदले

इंद्रप्रस्थ में संवादों के

रंगमंच पर

फ़नकारों में ग़ज़ब ठनी है।

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.