Hindi Poem of Shlabh Shri Ram Singh “ Lamba rasta“ , “लम्बा रास्ता” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लम्बा रास्ता

 Lamba rasta

जब भी छोटा हुआ है मेरा रास्ता

बड़ा कर लिया है उसे मैंने अपने आप

ख़त्म होते रास्ते को बढ़ा देना

चढ़ा देना ख़ुद को पहाड़ पर

बचपन में सीख लिया था मैंने यों  ही

लम्बा रास्ता लम्बे उजालों-अन्धेरों से गुजरता है

उतरता है खाइयों-समन्दरों-खाड़ियों में बेफ़िक्र

बेसहारा करके ख़ुद पर भरोसा करने के क़ाबिल बना देता है

बना देता है प्रत्यंचा से छूटा हुआ तीर

धीर-वीर-गंभीर बना देता है लम्बा रास्ता

ज़िन्दगी के सफ़र में छोटे रास्तों की बात मत सुनो

चलने का सवाल आए जब भी

चुनो अपने लिए लम्बा रास्ता …लम्बा रास्ता केवल

 

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