रुत की नई किताब-सी खुलने लगी है वह
Rut ki nai kitab si khulne lagi he vah
गर्मी की दोपहर का रंग ज़िस्म पर लिए
ख़ुशबू की तरह साँस में घुलने लगी है वह
देखा निगाह भर के तो पलकें फड़क उठीं
रुत की नई किताब सी खुलने लगी है वह
रुत की नई किताब-सी खुलने लगी है वह
Rut ki nai kitab si khulne lagi he vah
गर्मी की दोपहर का रंग ज़िस्म पर लिए
ख़ुशबू की तरह साँस में घुलने लगी है वह
देखा निगाह भर के तो पलकें फड़क उठीं
रुत की नई किताब सी खुलने लगी है वह