Hindi Poem of Shriprakash Shukal “  Kisan”,”किसान” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

किसान

 Kisan

 

न उसका कोई रूप है

न उसकी कोई जाति

न उसका कोई घर है

न उसकी कोई पाति

आकाश उसकी छत है

मौसम उसका आभूषण

हत्या उसका बचपन है

आत्महत्या उसकी जवानी

जिसे आप बुढ़ापा कहते हैं

वह है उसकी आज़ादी

जिसे ढहने के पहले

उसने सुरक्षित कर लिया है

धरती के नीचे

अपने रकबे में।

 

 

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