Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Murjhaya phool”, “मुरझाया फूल” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मुरझाया फूल -सुभद्रा कुमारी चौहान

Murjhaya phool – Subhadra Kumari Chauhan

 

यह मुरझाया हुआ फूल है,
इसका हृदय दुखाना मत।
स्वयं बिखरने वाली इसकी
पंखड़ियाँ बिखराना मत॥

गुजरो अगर पास से इसके
इसे चोट पहुँचाना मत।
जीवन की अंतिम घड़ियों में
देखो, इसे रुलाना मत॥

अगर हो सके तो ठंडी
बूँदें टपका देना प्यारे!
जल न जाए संतप्त-हृदय
शीतलता ला देना प्यारे!!

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.