Hindi Poem of Sur Das “ Dekh dekh ek bala jogi, “देख देख एक बाला जोगी” Complete Poem for Class 10 and Class 12

देख देख एक बाला जोगी

 Dekh dekh ek bala jogi

 

देख देख एक बाला जोगी द्वारे मेरे आया हो ॥ध्रु०॥

पीतपीतांबर गंगा बिराजे अंग बिभूती लगाया हो ।

तीन नेत्र अरु तिलक चंद्रमा जोगी जटा बनाया हो ॥१॥

भिछा ले निकसी नंदरानी मोतीयन थाल भराया हो ।

ल्यो जोगी जाओ आसनपर मेरा लाल दराया हो ॥२॥

ना चईये तेरी माया हो अपनो गोपाल बताव नंदरानी ।

हम दरशनकु आया हो ॥३॥

बालकले निकसी नंदरानी जोगीयन दरसन पाया हो ।

दरसन पाया प्रेम बस नाचे मन मंगल दरसाया हो ॥४॥

देत आसीस चले आसनपर चिरंजीव तेरा जाया हो ।

सूरदास प्रभु सखा बिराजे आनंद मंगल गाया हो ॥५॥

 

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