Hindi Poem of Sur Das “  Hari Janku Harinam bado dhan, “ हरि जनकू हरिनाम बडो धन” Complete Poem for Class 10 and Class 12

 

हरि जनकू हरिनाम बडो धन

 Hari Janku Harinam bado dhan

 

हरि जनकू हरिनाम बडो धन हरि जनकू हरिनाम ॥ ध्रु०॥

बिन रखवाले चोर नहि चोरत सुवत है सुख धाम ॥ ब०॥१॥

दिन दीन होते सवाई दोढी धरत नहीं कछु दाम ॥ ब०॥२॥

सुरदास दोढी धरत नहीं कछु दाम ॥ ब०॥३॥

प्रभु सेवा जाकी पारससुं कहां काम ॥ ब०॥४॥

 

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