Hindi Poem of Sur Das “ Murli kunjnini kunjni bajti, “मुरली कुंजनीनी कुंजनी बाजती” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मुरली कुंजनीनी कुंजनी बाजती

 Murli kunjnini kunjni bajti

 

मुरली कुंजनीनी कुंजनी बाजती ॥ध्रु०॥

सुनीरी सखी श्रवण दे अब तुजेही बिधि हरिमुख राजती ॥१॥

करपल्लव जब धरत सबैलै सप्त सूर निकल साजती ॥२॥

सूरदास यह सौती साल भई सबहीनके शीर गाजती ॥३॥

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.