Hindi Poem of Surdas “Aaj Ho eke k kari tariho , “आजु हौं एक एक करि टरिहौं ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आजु हौं एक एक करि टरिहौं -सूरदास

Aaj Ho eke k kari tariho – Surdas

 

आजु हौं एक-एक करि टरिहौं।

 के तुमहीं के हमहीं, माधौ, अपुन भरोसे लरिहौं।

 हौं तौ पतित सात पीढिन कौ, पतिते ह्वै निस्तरिहौं।

 अब हौं उघरि नच्यो चाहत हौं, तुम्हे बिरद बिन करिहौं।

 कत अपनी परतीति नसावत, मैं पायौ हरि हीरा।

 सूर पतित तबहीं उठिहै, प्रभु, जब हँसि दैहौ बीरा।

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