Hindi Poem of Surdas “Binu Gopala Brin Bhai Kunje , “बिनु गोपाल बैरिन भई कुंजैं ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

बिनु गोपाल बैरिन भई कुंजैं -सूरदास

Binu Gopala Brin Bhai Kunje – Surdas

 

बिनु गोपाल बैरिन भई कुंजैं।

 तब ये लता लगति अति सीतल¸ अब भई विषम ज्वाल की पुंजैं।

 बृथा बहति जमुना¸ खग बोलत¸ बृथा कमल फूलैं अलि गुंजैं।

 पवन¸ पानी¸ धनसार¸ संजीवनि दधिसुत किरनभानु भई भुंजैं।

 ये ऊधो कहियो माधव सों¸ बिरह करद करि मारत लुंजैं।

 सूरदास प्रभु को मग जोवत¸ अंखियां भई बरन ज्यौं गुजैं।

 

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