Hindi Poem of Surdas “Diyo abhya pad thaun , “दियौ अभय पद ठाऊँ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

दियौ अभय पद ठाऊँ -सूरदास

Diyo abhya pad thaun – Surdas

 

दियौ अभय पद ठाऊँ

 तुम तजि और कौन पै जाउँ।

 काकैं द्वार जाइ सिर नाऊँ, पर हथ कहाँ बिकाउँ॥

 ऐसौ को दाता है समरथ, जाके दियें अघाउँ।

 अन्त काल तुम्हरैं सुमिरन गति, अनत कहूँ नहिं दाउँ॥

 रंक सुदामा कियौ अजाची, दियौ अभय पद ठाउँ।

 कामधेनु, चिंतामनि दीन्हौं, कल्पवृच्छ-तर छाउँ॥

 भव-समुद्र अति देखि भयानक, मन में अधिक डराउँ।

 कीजै कृपा सुमिरि अपनौ प्रन, सूरदास बलि जाउँ॥

 

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