Hindi Poem of Trilochan “Adhibhut“ , “अधिभूत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अधिभूत

Adhibhut

मदन के शर केवल पाँच हैं

बिंध गए सब प्राण, बचा नहीं

हृदय एक कहीं, अधिभूत की

नियति है, यति है, गति है, यही ।

 

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