Hindi Poem of Trilochan “Akanksha“ , “आकांक्षा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आकांक्षा
Akanksha

सुरीली सारंगी अतुल रस-धारा उगल के
कहीं खोई जो थी, बढ़ कर उठाया लहर में,
बजाते ही पाया, बज कर यही तार सब को
बहा ले जाएँगे, भनक पड़ जाए तनिक तो ।

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