Hindi Poem of Trilochan “Kala ke abhayasi“ , “कला के अभ्यासी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कला के अभ्यासी

Kala ke abhayasi

कहेंगे जो वक्ता बन कर भले वे विकल हों,

कला के अभ्यासी क्षिति तल निवासी जगत के

किसी कोने में हों, समझ कर ही प्राण मन को,

करेंगे चर्चाएँ मिल कर स्मुत्सुक हॄदय से ।

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