Hindi Poem of Trilochan “Katik ka payan“ , “कातिक का पयान” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कातिक का पयान

Katik ka payan

कातिक पयान करने को है, उठाया है

दाहिना चरण, देहरी को लाँघ आया है,

लेकिन अँगूठा अभी भूमि से लगा नहीं,

ऊपर ही ऊपर है, जैसे जगा नहीं ।

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