खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार
Khule tumhare liye hridya ke dwar
खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार
अपरिचित पास आओ
आँखों में सशंक जिज्ञासा
मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा
जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं
स्तंभ शेष भय की परिभाषा
हिलो मिलो फिर एक डाल के
खिलो फूल-से, मत अलगाओ
सबमें अपनेपन की माया
अपने पन में जीवन आया