Hindi Poem of Uday bhan mishra “Aajkal“ , “आजकल” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आजकल

Aajkal

आजकल

मैं

एक ऐसे जंगल से

गुजर रहां हूँ

जिसमें

एक दरख्त की जड़ें

दूसरे दरख्त की

जड़ें हैं

एक की पत्तियां

दूसरे की पत्तियां हैं

एक की जत्तायें

दूसरे  की जत्ताएं  हैं

मैं

एक ऐसे जंगल से

गुजर रहा हूँ

जिसमें हर दरख्त

दूसरे दरख्त पर

झुका हुआ है

हर दरख्त

दुसरे दरख्त पर

ठिका हुआ है

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