Hindi Poem of Uday bhan mishra “Goriya“ , “गौरैया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

गौरैया

Goriya

कितने अधिकार से

फुदकती है गौरैया!

घर में

आंगन में

छज्जे-मुंडेर पर

मेरा घर

अपना घर समझती है

गौरैया!

चहचहाती है गौरैया!

खिड़की से

झांकती है गौरैया!

घोंसलें बनाती है

गौरैया!

दाना चूगती हैं

चुगाती है

गौरैया!

दानें बिखेरता हूं

चुन-चुन कर खाती है

और

उड़-उड़ जाती है

गौरैया!

पास नहीं आती है

गौरैया!

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