Hindi Short Story and Hindi Moral Story on “Ahankar ka Rahasya” , “अहंकार का रहस्य” Complete Hindi Prernadayak Story for Class 9, Class 10 and Class 12.

अहंकार का रहस्य

Ahankar ka Rahasya

 

 

एक राजा था| उसकी एक लड़की थी| जब राजकुमारी बड़ी हुई तो रानी को उसके विवाह की चिंता होने लगी| राजा के महल में एक जमादारिन सफाई करने आती थी| एक दिन रानी को उदास देखकर उसने उनकी उदासी का कारण पूछा, तो रानी ने कहा – क्या कहूं? लड़की बड़ी हो गई है| उसके ब्याह की चिंता मुझे रात-दिन खाए जा रही है|

 

सुनकर जमादारिन हंस पड़ी – रानी जी, आप चिंता क्यों करती हैं, मेरा लड़का जो है|

 

उसकी बात सुनकर रानी को बड़ा बुरा लगा| उसने कहा – खबरदार, जो ऐसी बात मुंह से निकाली!

 

जमादारिन चली गई| अगले दिन उसने पूछा – कोई लड़का मिला?

 

रानी ने कहा – नहीं|

 

जमादारिन बोली – आप तो बेकार परेशान होती हैं, मेरे लड़के की बराबरी कोई नहीं कर सकता|

 

रानी और ज्यादा नाराज हुई और उसे महल से निकलवा दिया| रात को रानी ने राजा को जमादारिन की गुस्ताखी उन्हें बताई| राजा ने पूछा – वह कहां खड़े होकर बात कर रही थी? रानी ने बता दिया|

 

राजा ने कहा – रानी तुम समझती नहीं वो वाक्य जमादारिन नहीं और कोई बोलता था|

 

रानी ने आश्चर्य से कहा – और कोई वहां था ही नहीं|

 

राजा ने कहा – अच्छा!

 

अगले दिन राजा ने वह जगह खुदवाई तो वहां अशर्फियों से भरे कलश निकले| कलश निकलवाकर राजा ने रानी से कहा – अब तुम जमादारिन से बात करना|

 

दूसरे दिन जमादारिन आई तो रानी ने बेटी के ब्याह की चर्चा चलाई| जमादारिन ने कोई जवाब नहीं दिया| रानी ने कहा – अरे तेरे लड़के का क्या हुआ?

 

जमादारिन गिड़गिड़ाकर बोली – रानी जी, कहां आप और कहां हम!

 

रानी समझ गई कि जमादारिन के अहंकार का रहस्य क्या था|

 

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