सबसे बड़ा धनी
Sabse Bada Dhani
एक आदमी को बहुत ही दीन और हैरान देखकर दूसरे ने पूछा – क्यों भाई क्या बात है?
वह बोला – मैं बहुत ही गरीब हूं मेरे पास कुछ भी नहीं है|
कुछ भी नहीं है! दूसरे ने अचरज से पूछा – तुम सच नहीं बोल रहे हो|
नहीं मैं आपसे ठीक कहता हूं|
अच्छा तो तुम एक काम करो| दूसरे ने कहा – तुम्हारे पास दो कान हैं, एक काटकर मुझे दे दो, मैं इसके बदले तुम्हें एक हजार रुपए दूंगा|
नहीं, मैं अपना कान नहीं दे सकता|
तो अपनी दो आंखों में से एक आंख दे दो, यह लो पांच हजार रुपए!
नहीं, मैं ऐसा नहीं कर सकता|
अच्छा तो एक हाथ ही दे दो, यह लो दस हजार रुपए|
जी नहीं| यह नहीं हो सकता|
तब दूसरे ने कहा – फिर तुम कैसे कहते हो कि तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है? तुम्हारे पास एक-दूने दो यानी दो हजार रुपए से ज्यादा के कान हैं, पांच दूने दस, दस हजार से ज्यादा की आंखें हैं और दस-दूने बीस, बीस हजार से ज्यादा के हाथ हैं| जब कान, आंख और हाथ का इतना मूल्य है तो पूरे शरीर का जाने कितना होगा|
पहला चुप!
दूसरे ने कहा – देखो तुम्हारे पास कितनी बड़ी दौलत है| जिसके पास अच्छी-अच्छी बातें सुनने के लिए कान हों, अच्छी-अच्छी चीजें देखने के लिए आंखें हों, अच्छे-अच्छे काम करने के लिए हाथ हों, उससे बढ़कर धनी और कौन हो सकता है|