Hindi Short Story and Hindi Moral Story on “Seva ka Aadarsh” , “सेवा का आदर्श” Complete Hindi Prernadayak Story for Class 9, Class 10 and Class 12.

सेवा का आदर्श

Seva ka Aadarsh

 

 

एक बार युधिष्ठिर ने राजसूर्य यज्ञ करवाया| बहुत-से लोगों को आमंत्रित किया| भगवान श्रीकृष्ण भी आए| उन्होंने युधिष्ठिर से कहा – सब लोग काम कर रहे हैं| मुझे भी कोई काम दे दीजिए|

 

युधिष्ठिर ने उनकी ओर देखकर कहा – आपके लिए हमारे पास कोई काम नहीं है|

 

श्रीकृष्ण बोले – लेकिन मैं बेकार नहीं रहना चाहता| मुझे कुछ-न-कुछ काम तो दे ही दीजिए|

 

युधिष्ठिर ने कहा – मेरे पास तो कोई काम है नहीं| यदि आपको कुछ करना ही हो तो अपना काम आप स्वयं तलाश कर लीजिए|

 

श्रीकृष्ण बोले – ठीक है मैंने अपना काम खोज लिया|

 

युधिष्ठिर ने उत्सुकता से पूछा – क्या काम खोज लिया?

 

कृष्ण ने कहा – मैं सबकी जूठी पत्तलें उठाऊंगा और सफाई करूंगा| यह सुनकर युधिष्ठिर अवाक् रह गए| कृष्ण ने वही किया| सेवा से बढ़कर और क्या हो सकता है|

 

 

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.