शनिदेव पर तेल क्यों चढ़ाते हैं?
Shanidev par tel kyo chadhate hein ?
आनंद रामायण की एक कथा के अनुसार लंका पर चढ़ाई के लिए समुद्र पर बांधे गए पुल की सुरक्षा का भार हनुमानजी को सौंपा गया था। हनुमानजी रात में भगवान राम का ध्यान करते हुए पुल की रक्षा कर रहे थे कि वहां शनिदेव आ पहुंचे और उन्हें व्यंग्यबाणों से परेशान करने लगे।
हनुमानजी ने शनिदेव के सारे आक्षेपों को स्वीकार करते हुए कहा कि कृपया वह उन्हें पुल की रक्षा करने दें, लेकिन शनिदेव बाज नहीं आए। अंतत: क्रोधित होकर हनुमानजी ने शनिदेव को अपनी पूंछ में जकड़ कर इधर-उधर पटकना शुरू कर दिया। काफी देर बाद हनुमानजी ने उन्हें मुक्त किया और दर्द से निजात पाने के लिए एक तेल लगाने को दिया। इसके बाद से ही शनिदेव को तेल चढ़ाते हैं।