Hindi Short Story and Hindi Moral Story on “Shekhi ka parinam” , “शेखी का परिणाम” Complete Hindi Prernadayak Story for Class 9, Class 10 and Class 12.

शेखी का परिणाम

Shekhi ka parinam

 

 

अनोवा और ग्रीट्स बहुत पक्के मित्र थे | वे एक दूसरे पर जाने छिड़कने को तैयार रहते थे | उन्हीं दिनों उनको मोरियो नामक एक व्यक्ति मिला | वह भी उन लोगों से मित्रता बढ़ाने लगा |

 

एक बार वे तीनों किसी पार्टी में एक साथ गए | वहां भोजन करते समय मोरियो को न जाने क्या सूझा कि वह जोर-जोर से बातें करने लगा | उसकी तेज आवाज सुनकर लोग उन तीनों की ओर देखने लगे |

 

तभी मोरियो शान में आकर शेखी बघारने लगा | वह बोला – मैं जहां रहता हूं वह एक अद्भुत मकान है | उस मकान के एक कमरे में चिल्लाने पर दूसरे कमरे में उसकी गूंज सुनाई देती है |

 

अनोवा ने आश्चर्य प्रकट करते हुए पूछा – अच्छा ! एक कमरे में बोलने की गूंज दूसरे कमरे में सुनाई देती है, यह कैसे संभव है ?

 

मोरियो बोला – अरे ये गूंज भी ऐसी-वैसी नहीं होती, पूरी दस बार सुनाई देती है | आप मेरा नाम पुकार कर देखें, दूसरे कमरे में दस बार मेरे नाम की गूंज सुनाई पड़ेगी |

 

अच्छा ! सभी आश्चर्यचकित होकर बोले | उसी पार्टी में एक रईस व्यक्ति मौजूद था | उससे मोरियो की शेखी बरदाश्त नहीं हो रही थी | इसके अतिरिक्त रईस को यह भी अच्छा नहीं लग रहा था कि पार्टी के सभी लोग उसकी ओर ध्यान न देकर एक फटीचर की बातों की ओर ध्यान दे रहे थे | वह मोरियो से बोला – तुम्हारे यहां दस बार गूंज सुनाई देती है तो इसमें आश्चर्य की क्या बात है ? मेरी हवेली में तो यह गूंज बीस बार सुनाई देती है |

 

सभी लोग मोरियो की बात छोड़कर रईस की बात सुनने लगे | उनका ध्यान रईस की ओर चला गया | इससे रईस को बहुत खुशी महसूस हुई |

 

इतने में अनोवा बोला – यह संभव नहीं कि एक आवाज की बीस गूंज सुनाई दें |

 

रईस ने कहा – क्यों संभव नहीं है ? आप नहीं जानते कि मेरी हवेली कितनी पुरानी है ? उसमें आवाज की गूंज बीस बार सुनाई देती है, आप चाहें तो मेरे यहां आकर स्वयं आजमाकर देख सकते हैं |

 

सभी लोग आगे बढ़कर आने लगे कि हम भी गूंज को आजमाना चाहते हैं | अब रईस बेचारा मुसीबत में फंस गया | उसने सोचा भी न था कि लोग इस तरह गूंज सुनने व आजमाने को राजी हो जाएंगे | लेकिन अब वह लोगों को आने से रोक नहीं सकता था |

 

अनोवा व ग्रीट्स ने कहा – आप बताइए हम लोग आपके यहां कब आ सकते हैं ?

 

रईस ने अगले दिन शाम को सभी को आने की स्वीकृति प्रदान कर दी |

 

रईस मन ही मन बहुत परेशान था कि अब उसकी बहुत बेइज्जती होगी, जब लोग उसकी हवेली पर आएंगे और अपनी आवाज की एक भी गूंज नहीं सुन सकेंगे | उसने अपनी परेशानी अपनी पत्नी को बताई | दोनों ने मिलकर सलाह की और एक योजना बना डाली |

 

रईस ने अपने पुराने नौकर पियरो को बुलाया और सारी योजना समझा दी | योजना के अनुसार पियरो को दूसरे कमरे के पास बनी कोठरी में छिप जाना था और रईस के आवाज देने पर बीस बार आवाज की गूंज निकालना था |

 

नियत समय पर लोग रईस की हवेली पर पहुंच गए | अनोवा व ग्रीट्स भी गूंज को आजमाने पहुंचे थे | रईस ने आवाज दी – अनोवा, अनोवा | उधर से आवाज की गूंज बीस बार सुनाई दी – अनोवा, अनोवा, अनोवा… | लोग बीस गूंज सुनकर हैरत में पड़ रहे थे | सभी लोग गूंज को आजमाने के लिए एक दूसरे के नाम पुकार रहे थे |

 

संयोग से एक व्यक्ति का नाम पियरो था | उसका मित्र उसके साथ गूंज का आनंद लेने आया था | उसके मित्र ने गूंज सुनने के लिए जोर से आवाज दी – पियरो, पियरो, तुम कहां हो ?

 

इस बार गूंज के स्थान पर आवाज सुनाई दी – हुजूर मैं यहां हूं, अभी आता हूं |

 

इतने में कोठरी में छिपा पियरो बाहर निकल आया | रईस बेचारा परेशान था कि यह गड़बड़ कैसे हो गई | लेकिन शोर-शराबे में लोगों को कुछ पता ही नहीं लगा कि ये क्या हुआ | लोगों को यह महसूस हुआ कि इस बार गूंज सुनाई नहीं दी | इसी बीच अनोवा ने आवाज लगाई – ग्रीट्स, ग्रीट्स | लेकिन कोई आवाज या गूंज सुनाई नहीं दी | अब लोगों को समझ में आ गया | लोग क्रोधित होकर रईस की ओर बढ़े | अनोवा क्रोध में बोला – लोगों को बेवकूफ बनाते शर्म नहीं आती ?

 

वह और ग्रीट्स क्रोध में रईस को पीटने की सोचने लगे | तभी रईस ने माफी मांगते हुए कहा – माफ कीजिए, मैंने आप लोगों से झूठ बोला है और आप लोगों को धोखा दिया है | मैं इसके लिए शर्मिन्दा हूं | आप मुझे माफ कर दीजिए |

लोग रईस का मजाक उड़ाते हुए हवेली से बाहर चले गए | रईस ने मन ही मन निश्चय किया कि अब वह कभी झूठी शेखी नहीं बघारेगा | आज इसी शेखी के कारण उसकी इतनी बेइज्जती हुई थी और पिटने वाला था |

 

 

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