Hindi Short Story and Hindi Moral Story on “Sidhiyo Ka Sadupyog” , “सिद्धियों का सदुपयोग” Complete Hindi Prernadayak Story for Class 9, Class 10 and Class 12.

सिद्धियों का सदुपयोग

Sidhiyo Ka Sadupyog

 

 

एक व्यक्ति पशु -पक्षियों का व्यापार किया करता था। एक दिन उसे पता चला कि उसके गुरु को पशु-पक्षियों की बोली की समझ है। उसने सोचा कि यदि उसे भी यह विद्या मिल जाए तो वह उसके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। वह अपने गुरु के पास गया, उनकी खूब सेवा की और उनसे पशु-पक्षियों की बोली सिखाने का आग्रह किया। गुरु ने उसे यह विद्या सिखा दी। पर यह भी चेतावनी दी कि वह अधिक लोभ न करे और अपने फायदे के लिए किसी का नुकसान न करे।

घर लौटने पर उस व्यक्ति ने अपने दो कबूतरों को बात करते सुना कि उसके घोड़े को कोई अंदरूनी बीमारी हो गई है, वह एक-दो दिन में मर जाएगा। उस व्यक्ति ने तत्काल उसे अच्छे दाम पर बेच दिया। उसे पता चला कि वास्तव में एक-दो दिन के बाद घोड़ा मर गया। अब उसे यकीन हो गया कि पशु-पक्षी एक-दूसरे के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। एक दिन उसने अपने कुत्ते को कहते सुना कि उसकी सारी मुर्गियां किसी महामारी से मरने वाली हैं। उसने तुरंत सारी मु्र्गियां इकट्ठी कीं और बाजार में बेच आया। बाद में उसे पता चला कि शहर में किसी बीमारी से एक-एक करके सारी मुर्गियां मरती जा रही हैं। उसे प्रसन्नता हुई कि वह नुकसान से बच गया।

कुछ दिनों के बाद उसने अपनी बिल्ली को कहते सुना कि उनका मालिक कुछ ही दिनों का मेहमान है। उसे इस पर विश्वास नहीं हुआ। लेकिन जब उसके गधे ने भी यही बात दोहराई तो वह घबरा गया। वह भागा हुआ अपने गुरु के पास पहुंचा और बोला, ‘गुरुदेव मेरा अंत समय निकट है। कृपया मुझे अंतिम घड़ी में स्मरण योग्य कोई काम बताएं, जिससे मेरी मुक्ति हो जाए।’

उसके गुरु ने कहा, ‘अगर तुम मरने वाले हो तो जाओ अपने आप को भी किसी को बेच दो। …अरे मूर्ख, सिद्धियां न किसी की हुई हैं और न हो सकती हैं। इसीलिए मैंने कहा था कि अपने लाभ और किसी के नुकसान के लिए इसका प्रयोग मत करना।’

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.