Hindi Short Story and Hindi Moral Story on “Vah Avismaraniya Ghatna” , “वह अविस्मरणीय घटना” Complete Hindi Prernadayak Story for Class 9, Class 10 and Class 12.

वह अविस्मरणीय घटना

Vah Avismaraniya Ghatna

 

बुंदेलखण्ड में ओरछा के निकट एक नदी बहती है, जिसे सातार नदी कहते हैं| उस नदी के किनारे पर एक छोटी-सी कुटिया थी, जिसमें एक आदमी रहता था| घर-बार तो उसका कुछ था नहीं| बदन पर भी वह बस एक लंगोटी बांधे रखता था| लोग उसे ‘ब्रह्मचारी’ कहकर पुकारते थे| आस-पास के गांवों में जब कोई छोटा-मोटा उत्सव होता था तो पूजा-पाठ के लिए लोग उसे ले जाते थे| उसने कुछ मंत्र कण्ठस्थ कर लिए थे| कुटिया के आस-पास घना जंगल था| जंगल में भांति-भांति के पक्षी चहचहाते रहते थे और वन्य पशु भी घूमते रहते थे|

एक दिन जंगल का एक बड़ा अधिकारी वहां आया व बोला – ब्रह्मचारी इधर एक जंगली सुअर आ गया है उसे उड़ाना है| चलो तुम भी चलो|

ब्रह्मचारी ने हाथ जोड़कर कहा – न-न मैं नहीं जाऊंगा| मुझे जानवरों से बड़ा डर लगता है|

अधिकारी मुंह बनाकर बोला – अरे ब्रह्मचारी होकर डरते हो| चलो उठो मैं तुम्हारे सस्थ हूं| हां यह बन्दूक ले लो| अगर सुअर तुम्हारे सामने आ जाए तो…|

अधिकारी की बात काटकर ब्रह्मचारी ने कहा – मैं क्या करूंगा! मुझे बंदूक चलानी नहीं आती|

अधिकारी बोला – कोई बात नहीं है| सुअर तुम्हारे पास नहीं आएगा| अगर फिर भी आ जाए तो बंदूक उलटी पकड़कर इसकी मूठ उसके सिर पर जमा देना|

ब्रह्मचारी इंकार करता रहा, पर अधिकारी नहीं माना| वह उसे खींचकर जंगल में ले गया| उसके हाथ में एक बंदूक थमा दी और अपने से कुछ गज के फासले पर उसे बिठा दिया| हांका हुआ सुअर झाड़ियों के बीच से दौड़ता हुआ आगे आया| अधिकारी ने निशाना साधकर गोली दाग दी, लेकिन सुअर गिरा नहीं इससे साफ था कि निशाना चूक गया| अब क्या हो? जब तक दूसरी गोली चले तब तक वह आगे निकल गया| अधिकारी हैरान था कि क्या करे| अचानक उसे गोली की आवाज सुनाई दी और उसने देखा कि सुअर कुलांट खाकर धरती पर चित गिर गया है और छटपटा रहा है|

अधिकारी ने पास जाकर देखा तो भौचक्का रह गया| गोली सुअर के ठीक मर्म-स्थल पर लगी थी|

अधिकारी को देखकर ब्रह्मचारी वहां आ गया| अधिकारी ने उसकी ओर कड़ी निगाह से देखा तो वह बोला – यह क्या हो गया? सुअर जैसे ही मेरे आगे आया मेरी तो जान ही सुख गई| हाथ कांपने लगे और अचानक घोड़ा दब गया|

अधिकारी ने कहा – मुझे बनाने की कोशिश मत करो सच-सच बताओ तुम कौन हो? तुम अव्वल दर्जे के निशानेबाज हो| सुअर के ठीक वहां पर गोली लगी है, जहां लगनी चाहिए थी| यह काम किसी कुशल निशानेबाज का ही हो सकता है|

ब्रह्मचारी का चेहरा देखते ही बनता था, मानो अभी एक क्षण में ही वह रो पड़ेगा| ब्रह्मचारी बोला – देखो तो अभी तक मेरा दिल कितना धड़क रहा है, राम-राम आज तो ऊपर वाले ने ही मेरी जान बचा ली|

ब्रह्मचारी जैसे-जैसे अपनी बात कहता गया, अधिकारी का संदेह और बढ़ता गया| अंत में ब्रह्मचारी उसे साथ लेकर अपनी कुटिया पर आया और अधिकारी को कसम खिलाई कि वह किसी से कहेगा नहीं| फिर बोला – मैं चंद्रशेखर आजाद हूं|

 

 

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