आखिर शेर पर ही माँ दुर्गा सवारी क्यों करती है
Akhir Sher par hi Maa Durga savari kyo karti hai
एक बार माँ दुर्गा कैलाश पर्वत को छोड़ कर वन में तपस्या करने के लिए चली गई था! यह घोर तप कर रही थी! तभी वहां एक भूखा शेर आया और शेर अपनी भूख को मिटाने के लिए पास गया और उनके समीप बैठ गया!
उधर पार्वती माता तपस्या में लीन थी! जब ही शिवजी उनकी तपस्या से प्रसन्न हो कर वहां प्रकट हुए और उन्हें साथ ले जाने के लिए कहा ! जब माँ पार्वती ने देखा की एक शेर भी उनकी कई दिनों से प्रतीक्षा कर रहा था, तो वो शेर से काफी खुश हुई!
माता ने शेर की प्रतीक्षा को एक तपस्या से कम नहीं समझा और उसे वरदान के रूप में अपना वाहन के तौर पर अपने साथ रहने का आशीर्वाद दे दिया! और शेर माँ दुर्गा का वाहन बन गया!
आप सोच रहे होंगे की पार्वती से दुर्गा माँ कहा से हो गया! तो आपको बता दे माँ पार्वती ही माँ दुर्गा है! जबकि शेर को शक्ति, भव्यता, विजय का प्रतिक माना जाता हैं! माँ दुर्गा की कृपा से भक्त को ये वरदान अपने आप ही प्राप्त हो जाते हैं।