बलराम की पत्नी रेवती थी लम्बी, कैसे किया मानवाकार
Balram ki Patni Revati thi lambi, kese kiya manavakar
बलदाऊ की पत्नी का नाम रेवती था, उनके उनसे दो पुत्र थे जिनका नाम निश्त्थ और उल्मुक थे उनकी एक बेटी भी बताई गई है जो की दक्षिण भारतीय ग्रंथो में उल्लेखित है जिसका नाम वत्सला था। श्राप के कारण बलराम के दोनों पुत्र आपस में लड़ के ही मारे गए जबकि बेटी का विवाह पहले दुर्योधन के बेटे लक्ष्मण से होना तय हुआ था जिसे अभिमन्यु से प्यार था। बाद में घटोत्कच ने अपने मायाजाल से वत्सला का विवाह अभिमन्यु से करवाया था।
सबसे रोचक कहानी बलराम की पत्नी बीवी रेवती की है, जो की पिछले जन्म से भी जुडी हुई है। गर्ग रंहिता के अनुसार रेवती पिछले जन्म में पृथ्वी के राजा मनु की बेटी थी जिसका नाम ज्योतिष्मती था, एक बार मनु ने बेटी से पूछा के उसे कैसा वार चाहिए तो उनसे कहा की जो इस धरती पे सबसे शक्तिशाली हो मुझे वही वार चाहिए। तब मनु ने इंद्र से ये सवाल पूछा तो इंद्र ने वायु को सबसे ताकतवर बताया पर वायु ने इसे सही नहीं बताया पर्वत को ज्यादा बलि बताया तब पर्वत ने पृथ्वी को अधिक बलि बताया। आखिर में धरती ने शेषनाग को सबसे ज्यादा बलि बताया, तब ज्योतिष्मती ने शेषनाग को पति रूप में पाने के लिए ब्रह्मा की तपस्या की और ब्रह्मा ने उसे द्वापर में बलराम से शादी होने का वर दिया।
द्वापर में रेवती ने राजा कुडुम्बी के यंहा जन्म लिया जो की कुशस्थली के राजा थे, उनका राज समुद्र के निचे दुनिया में यानी पातळ में चलता था। तब कुडुम्बी ने ब्रह्मा से अपनी बेटी के लिए वर पूछा और ब्रह्मा ने पिछले जन्म का समरण कराया। तब कुडुम्बी ने बलराम के सामने रिश्ता रखा, रेवती पाताल लोक की होने की वजह से बलराम से काफी लम्बी चौड़ी थी इस पर बलराम ने रिश्ता स्वीकार किया और अपने हल से रेवती को मनुष्यो के बराबर आकर का कर दिया।