श्रीगणेश है श्री कृष्ण के अवतार
Shri Ganesh hai Shri Krishan ke Avtar
हिन्दू धर्मशास्त्रों में श्रीगणेश को भगवान श्रीकृष्ण का ही अवतार बताया गया है। भगवान गणेश के चरित्र से जुड़े इस पहलू को लेकर कई धर्म में आस्थावान लोगों के मन में जिज्ञासा होती है कि आखिर कब और कैस भगवान श्रीकृष्ण महादेव के पुत्र गणेश के रूप में अवतरित हुए? यह रोचक पौराणिक कथा इस जिज्ञासा को शांत करती है
ब्रह्मवैवर्त पुराण की कथा है कि पुत्र पाने की कामना से व्याकुल मां पार्वती ने भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण किया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने बूढ़े ब्राह्मण के वेश में आकर माता पार्वती को बताया कि वह श्रीगणेश के रूप में उनके पुत्र बनकर आएंगे।
इसके बाद बहुत ही सुन्दर बालक माँ पार्वतीजी के सामने प्रकट हुआ। उस बालक की सुंदरता से मोहित होकर सभी देवता, ऋषि-मुनि और ब्रह्मा-विष्णु भी वहां आए। शिव भक्त शनिदेव से भी यह सुनकर रहा नहीं गया। वह भी सुंदर शिव पुत्र को देखने की चाहत से वहां आए। किंतु शनिदेव को उनकी पत्नी का शाप था कि वह जिस पर नजर डालेंगे उसका सिर कट जाएगा। इसलिए शनिदेव ने वहां आकर भी बालक पर नजर नहीं डाली। तब माता पार्वती शनि देव के ऐसे व्यवहार से अचंभित हुई और उन्होंने शनिदेव से अपने सुंदर पुत्र को देखने को कहा। शनिदेव ने माता से उस शाप की बात बताई। किंतु पुत्र पाने की खुशी में माता पार्वती ने शनिदेव का कहा नहीं माना और एक बार देखने को कहा।
इस पर जैसे ही शनिदेव ने गणेश की ओर देखा तो उनका सिर कट गया। यह देखते ही सभी अनिष्ट की आशंका से भयभीत हो गए। इस पर भगवान विष्णु जाकर एक हाथी के बच्चे का मस्तक काटकर लाए और उसे श्रीगणेश के मस्तक पर लगा दिया। तब से गणेश गजानन कहलाए।