Hindi Short Story, Moral Story “  Bander aur aadmi”, ”बंदर और आदमी” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

बंदर और आदमी

 Bander aur aadmi

 

 एक बार की बात है एक टोपियां बेचने वाला पड़ोस के हाट बाजार से टोपियां बेचकर अपने गांव लौट रहा था। दिनभर के कामकाज के बाद वह काफी थक गया था। तब रास्ते में एक पेड़ के नीचे वह कुछ देर सुस्ताने के लिए बैठ गया।

 ठंडी हवा से उसकी आंख लग गई और फिर किसी आवाज से आंख खुली तो उसने देखा कि उसकी टोपियां बंदरों ने ले ली हैं और वे पेड़ पर चढ़ बैठे हैं। टोपी वाले ने एक-दो पत्थर फेंके पर बं‍दर टोपियां छोड़ने तैयार ही नहीं थे।

 तब टोपी वाले को एक ख्याल आया उसने अपने सिर पर लगी टोपी निकाली और जमीन पर फेंक दी। बंदरों ने यह देखा तो उन्होंने भी अपने सिर की टोपियों को नीचे फेंक दिया।

 टोपी वाले ने सारी टोपियां एकत्र की और घर आ गया। बड़ा नुकसान होने से बच गया था। उसने घर आकर वह बात अपने बच्चों को बताई।

 कुछ सालों में टोपी बेचने वाले का लड़का बड़ा हो गया और वह भी टोपी बेचने का काम करने लगा। एक दिन वह भी टोपी बेचने के सिलसिले में पड़ोस के गांव गया।

 दिनभर के काम के बाद वह काफी थक गया था। घर लौटते समय उसके मन में विचार आया कि क्यों न कुछ देर आराम कर लूं। वह एक पेड़ के नीचे सो गया।

 कुछ देर बाद जब वह उठा तो देखा कि बंदरों ने उसकी टोपियों पर धावा बोलते हुए सारा माल हथिया लिया है। टोपी वाले को अपने पिता का किस्सा याद आया।

 वह तुरंत पेड़ के सामने जाकर खड़ा हुआ और उसने अपनी सिर पर पहनी टोपी निकाल कर जमीन पर पटक दी। पर यह क्या बंदरों पर इसका कोई असर नहीं हुआ उन्होंने अपनी टोपियां नहीं छोड़ी।

 टोपी वाले ने फिर से अपनी टोपी बंदरों को दिखाई और जमीन पर पटक दी। लेकिन बंदरों ने फिर भी अपनी टोपियां नहीं छोड़ी।

 तभी एक बंदर बोला- तुम क्या समझते हो कि सिर्फ तुम्हारे ही पिता ने तुमको टोपी वाला किस्सा सुनाया था। यह सुनते ही टोपी वाले को सारी बात समझ में आ गई और वह हाथ मलता हुआ घर को लौट आया।  

 

 

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