झांसी की रानी
Jhansi ki Rani
दो दिन बाद मीना के स्कूल में झांसी की रानी नामक नाटक होना है जिसमे झांसी की रानी की भूमिका बेला को निभानी है। तय होता है कि शुक्रवार को इसकी रिहर्सल की जायेगी।
और फिर शुक्रवार के दिन……
बेला जब काफी देर तक स्कूल नही पहुँची तो मीना,सुमी,राजू और दीपू बेला के घर पहुंचे।
बेला के पिताजी पोंगा राम चाचा उसकी नाराजगी का कारण बताते हैं । और सब बच्चों को घर के पिछवाड़े भेज देते है जहाँ बेला बैठकर कठपुतलियां बना रही थी। और स्वयं शोभा काकी के यहाँ से फावड़ा लेने चले जाते हैं।
बेला ना जाने का कारण बताती है उसके मुहासे।
तभी दीपू आवाज़ देता है …कि राजू गढ्ढे में गिर पड़ा है। बेला बहादुरी का परिचय देते हुए राजू को गढ्ढे से निकलती है। तब तक पोंगाराम चाचा , शोभा काकी के साथ वहां पहुँच जाती हैं।
शोभा काकी बेला को समझाती हैं।
शोभा काकी के समझाने पर बेला नाटक की तैयारी करने स्कूल गयी।