Hindi Short Story, Moral Story “  Kyan ki Pyas”,”ज्ञान की प्यास” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

ज्ञान की प्यास

 Kyan ki Pyas

 

 उन दिनों महादेव गोविंद रानडे हाई कोर्ट के जज थे। उन्हें भाषाएँ सीखने का बड़ा शौक था। अपने इस शौक के कारण उन्होंने अनेक भाषाएँ सीख ली थीं; किंतु बँगला भाषा अभी तक नहीं सीख पाए थे।

अंत में उन्हें एक उपाय सूझा। उन्होंने एक बंगाली नाई से हजामत बनवानी शुरू कर दी। नाई जितनी देर तक उनकी हजामत बनाता, वे उससे बँगला भाषा सीखते रहते। रानडे की पत्नी को यह बुरा लगा। उन्होंने अपने पति से कहा, आप हाई कोर्ट के जज होकर एक नाई से भाषा सीखते हैं। कोई देखेगा तो क्या इज्जत रह जाएगी आपको बँगला सीखनी ही है तो किसी विद्वान से सीखिए।

रानडे ने हँसते हुए उत्तर दिया, मैं तो ज्ञान का प्यासा हूँ। मुझे जाति-पाँत से क्या लेना-देना ? यह उत्तर सुन पत्नी फिर कुछ न बोलीं।

ज्ञान ऊँच-नीच की किसी पिटारी में बंद नहीं रहता।

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