Hindi Short Story, Moral Story “Rassi ka jadu”, ”रस्सी का जादू” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

रस्सी का जादू

Rassi ka jadu

 

  एक गांव में एक किसान रहता था, किसान के तीन बेटे थे और तीन बहुएं थीं, किसान के पास थोड़ी बहुत जमीन थी जिस में मेहनत कर के किसान की रोजी रोटी चलती थी, एक साल सूखे के कारण फसल नहीं हुई , किसान ने सोचा शहर में जाकर मेहनत मजदूरी कर के रोटी का जुगाड़ किया जाए, किसान अपने परिवार को साथ लेकर शहर की तरफ चल दिया, दिन में जब धूप तेज हो गई तो किसान ने सोचा कुछ देर के लिए किसी पेड़ के नीचे बैठा जाए, वे एक घनी छाया वाले बरगद के पेड़ के नीचे बैठ गए, किसान ने सोचा कि खाली बैठने से भला कोई काम कर लिया जाए, उसने अपने एक बेटे से कहा कि तुम जाकर जूट ले आओ, दूसरे बेटे से कहा तुम कहीं से सब्जी ले आओ, तीसरे बेटे से कहा तुम कहीं से खाने का बाकी सामान ले आओ, किसान ने अपनी बहुओं को भी काम पर लगा दिया, एक को कहा तुम पानी ले आओ , दूसरी से कहा तुम लकड़ी ले आओ, तीसरी से कहा तुम आटा गूंध लो,

 सब अपने अपने काम पर लग गए, जूट आने पर किसान रस्सी बनाने में लग गया, जिस पेड़ के नीचे वे बैठे थे उस पेड़ में एक दानव रहता था, दानव यह सब कुछ देख रहाथा, उसे रस्सी के बारे में कुछ समझ नहीं आई, वह पेड़ से नीचे उतरा और किसान से पूछने लगा आप इस रस्सी से क्या करोगे? किसान कुछ नहीं बोला अपना काम करता रहा, दानव ने फिर किसान से पूछा :आप यह रस्सी क्यूँ बना रहे हैं, किसान ने कहा तुम्हें बांधने के लिए, यह सुन कर दानव डर गया और बोला आप को जो कुछ भी चाहिए मैं देने को तैयार हूँ, आप मुझे छोड़ दीजिए, यह सुन कर किसान ने कहा मुझे अभी एक बक्सा सोने का भरा हुवा देदो तो में तुम्हें छोड़ दूंगा, दानव उसी समय एक बक्सा सोने से भरा हुवा ले आया और किसान से बोला ये लो सोने से भरा बक्सा और यहाँ से चले जाओ, किसान ने सोने का बक्सा लिया और गांव की तरफ चल दिया, किसान के दिन अच्छे कटने लग गए, किसान के ठाट बाट देख कर उसके पडोसी ने इसके बारे में जानना चाहा तो किसान ने सारा किस्सा पडोसी किसान को बतादिया, पडोसी किसान लालच में आ गया, उस ने भी यह तरकीब अपनाने की सोची, वह अपने सारे परिवार के साथ चल दिया, उसी पेड़ के नीचे वह भी जा बैठा जिस पेड़ में दानव रहता था, पडोसी किसान ने अपने बेटे से कहा कि तुम कहीं से जूट ले आओ,दूसरे बेटे से कहा तुम कहीं से सब्जी ले आओ, तीसरे बेटे से कहा तुम खाने का बाकी सामान ले आओ, फिर उसने अपनी बहुओं को भी कहा कि तुम पानी ले आओ,तुम लकड़ी ले आओ और तुम आटा गूंध लो,

 पर किसी ने भी पडोसी किसान की नहीं सुनी सब अपने में ही मस्त थे, आखिर में किसान खुद ही सारा काम करके रस्सी बनाने में लग गाया, दानव यह सब कुछ देख रहा था, कुछ देर में दानव किसान के पास आया और बोला- तुम यह रस्सी किस लिए बना रहे हो, किसान ने सोचा दानव डर गया है, किसान हँसते हुए बोला तुम डर गए हो! यह रस्सी में तुम्हें बांधने के लिए ही बना रहा हूँ, इसपर दानव जोर से हंसा और बोला -तुम्हारा अपना परिवार तो तुम से नहीं डरता है में तुम से क्या डरूंगा, पहले अपने परिवार को बांध लो फिर किसी को बांधना, यह कह कर दानव पेड़ में चला गया, लालची किसान अपना सा मुंह ले कर गांव को लौट गया, इस लिए आदमी को चाहिए कि वह पहले अपने परिवार को आज्ञा करी बनाए फिर दूसरे से कोई उमीद करे,

 

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