समुद्रतटीय मैदान
Coastal plain of India
दक्षिण के प्रायद्वीपीय पठारी भाग के दोनों ओर पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट पर्वतमालाओं एवं सागर तट के बीच समुद्रतटीय मैदानों का विस्तार है। यह तटीय मैदान देश के अन्य प्राकृतिक विभाग से स्पष्ट भिन्नता रखता है। स्थित के आधार पर इन्हे पश्चिमी तथा पूर्वी तटीय मैदानों में विभाजित किया जाता है।
पश्चिमी समुद्र तटीय मैदान का विस्तार गुजरात में कच्छ की खाड़ी से लेकर कुमारी अन्तरीप तक पाया जाता है। इसकी औसत चौड़ाई 64 किमी. है। इस मैदान की सर्वाधिक चौड़ाई नर्मदा तथा ताप्ती नदियों के मुहानों के समीप 80 किमी तक मिलती है। इस मैदान का ढाल पश्चिम की ओर अत्यधिक तीव्र हैं, जिस पर तीव्रगामी एवं छोटी नदियाँ प्रवाहित होती है। इस मैदान को पाँच उपखण्डों में विभाजित किया गया है:
कच्छ प्रायद्वीपीय तटीय मैदान जो कि शुष्क एवं अर्द्धशुष्क रेतीला मैदान है। इसके मध्य में गिरनार पहाड़ियाँ स्थित हैं।
गुजरात का मैदान, जिसका विस्तार कच्छ एवं सौराष्ट्र के पूर्व में हैं। इस पर माही, साबरमती, नर्मदा तथा ताप्ती नदियाँ प्रवाहित होते हुए अरब सागर में मिलती हैं।
कोंकण का मैदान दमन से गोवा तक 500 किमी लम्बा हैं। इस पर साल, सागौन आदि के वनों की अधिकता हैं।
कनारातटीय मैदान गोवा से मंगलोर तक पाया जाता है। इसका निर्माण प्राचीन कायान्तरित शैलों से हुआ है। इस पर बालुआ स्तूपों का जमाव पाया जाता है। यह तट गरम मसालों, सुपारी, केला, आम, नारियल, आदि की कृषि के लिए प्रसिद्ध हैं।
मालाबार तटीय मैदान केरल का तटीय मैदान हैं, जो कि मंगलोर से कन्याकुमारी तक 500 किमी की लं. में फैला है। इस पर लैगून (कयाल) नामक छोटी-छोटी तटीय झीलें पायी जाती हैं। इस मैदान के तटीय भागों में मत्स्ययन किया जाता है।
पूर्वी समुद्र तटीय मेदान पश्चिम बंगाल से लेकर कुमारी अन्तरीप तक मिलता है। इसकी चौड़ाई पश्चिमी तटीय मैदान की अपेक्षा अधिक हैं। इस मैदान पर प्रवाहित होने वाली नदियों- महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि ने विस्तृत डेल्टा का निर्माण किया है। इस पर चिल्का तथा पुलीकट जैसी विस्तृत लैगून झीलें भी पायी जाती हैं। इस मैदान के उत्तरी भाग को उत्तरी सरकार तथा दक्षिण भाग को कोरामण्डल तट के नाम से जाना जाता है। इसके तीन प्रमुख उप विभाग हैं:
उत्कल का मैदान जो कि उड़ीसा तट के सहारे लगभग 400 किमी की लम्बाई में फैला है। इस मैदान पर महानदी का डेल्टा, चिल्का झील तथा विशाखापट्नम बन्दरगाह स्थित हैं।
आन्ध्र का मैदान आन्ध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र में स्थित हैं जिस पर गोदावरी एवं कृष्णा नदियों ने अपने डेल्टा का निर्माण किया है। इन दोनों डेल्टाओं के बीच कोलेरू झील स्थित हैं।
तमिलनाडु के मैदान का विस्तार तमिलनाडु तथा पाण्डिचेरी के तटीय क्षेत्र में हैं। पुलीकट झील से कुमारी अन्तरीप तक इसकी लम्बाई 675 किमी है। इसकी औसत चौड़ाई 100 किमी है। पुलीकट एक लैगून झील है जिसके आगे श्रीहरिकोटा द्वीप स्थित है। यह मैदान सबसे लम्बा है।
तटीय मैदान एवं द्वीप समूह
भारत में तटीय मैदानों का विस्तार पूर्वी एवं पश्चिमी घाट में है.
पश्चिम तटीय मैदान : उत्तर में कच्छ से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक विस्तृत इस तटीय मैदान के अंतर्गत कच्छ प्रायद्वीप, काठियावाड़ प्रायद्वीप, कोंकण तट (गोवा-महाराष्ट्र), कन्नड़ तट (कर्नाटक) और मालाबार तट (केरल) शामिल है. प्रसिध्द वेम्बनाद झील (केरल) इसी में स्थित है. यह मैदान नारियल, रबड़, चाय, और मसाले के उत्पादन के लिए प्रसिध्द है.
पूर्वी तटीय मैदान: यह मैदान उत्तर में गंगा के मुहाने से कुमारी अंतरीप तक फैला है. इसके उत्तरी भाग को उत्तरी सरकार और दक्षिणी भाग को कोरोमंडल तट कहते है. यह मैदान पश्चिमी तट से अधिक चौड़ा है. बालू के जमाव और मैदान के मध्य समुद्री जल के जमा होने से कई लैगूनों जैसे कोलेरू, चिल्का, का निर्माण हुआ है.
द्वीप समूह : भारत में द्वीपों की संख्या लगभग 247 है जिनमे से लगभग 204 बंगाल की खाड़ी में और शेष अरब सागर में स्थित है. अरब सागर में स्थित द्वीप प्रवाल भित्तियां है. मिनीकाय द्वीप, लक्ष्यद्वीप, कावारात्ति, अमिनदीव आदि अरब सागर के प्रमुख द्वीप है इसमें से मिनीकाय द्वीप सबसे बड़ा है. अंदमान एवं निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी का महत्वपूर्ण द्वीप है. जिसकी राजधानी पोर्ट ब्लेयर है. भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु “पिग्मेलियन पॉइंट (इंदिरा पॉइंट)” ग्रेट निकोबार में स्थित है. अंदमान द्वीप की सबसे ऊँची चोटी “सैडल पीक” है. 10 डिग्री चैनल छोटा अंदमान और कर निकोबार के बीच स्थित है.