जीत आपकी – सोच आपकी
Jeet apki – soch aapki
एक बार एक Science की Research प्रयोगशाला में एक experiment किया गया। एक बड़े शीशे के टैंक में बहुत सारी छोटी छोटी मछलियाँ छोड़ी गयीं और फिर ढक्कन बंद कर दिया। अब थोड़ी देर बाद एक बड़ी शार्क मछली को भी टैंक में छोड़ा गया लेकिन शार्क और छोटी मछलियों के बीच में एक काँच की दीवार बनायीं गयी ताकि वो एक दूसरे से दूर रहें। शार्क मछली की एक खासियत होती है कि वो छोटी छोटी मछलियों को खा जाती है। अब जैसे ही शार्क को छोटी मछलियाँ दिखाई दीं वो झपट कर उनकी ओर बढ़ी।
जैसे ही शार्क मछलियों की ओर गयी वो कांच की दीवार से टकरा गयी और मछलियों तक नहीं पहुँच पायी। शार्क को कुछ समझ नहीं आया वो फिर से छोटी मछलियों की ओर दौड़ी लेकिन इस बार भी वो विफल रही। शार्क को बहुत गुस्सा आया अबकी बार वो पूरी ताकत से छोटी मछलियों पे झपटी लेकिन फिर से कांच की दीवार बाधा बन गयी।
कुछ घंटों तक यही क्रम चलता रहा, शार्क बार बार मछलियों पर हमला करती और हर बार विफल हो जाती। कुछ देर बाद शार्क को लगा कि वह मछलियों को नहीं खा सकती, यही सोचकर शार्क ने हमला करना बंद कर दिया वो थक कर आराम से पानी में तैरने लगी। अब कुछ देर बाद Scientists ने उस कांच की दीवार को शार्क और मछलियों के बीच से हटा दिया उन्हें उम्मीद थी कि शार्क अब सारी मछलियों को खा जाएगी।
लेकिन ये क्या, शार्क ने हमला नहीं किया ऐसा लगा जैसे उसने मान लिया हो कि अब वो छोटी मछलियों को नहीं खा पायेगी। काफी देर गुजरने के बाद भी शार्क खुले टैंक में भी मछलियों पर हमला नहीं कर रही थी।
इसे कहते हैं – सोच। कहीं आप भी शार्क तो नहीं? हाँ! हममें से काफी लोग उस शार्क की तरह ही हैं जो किसी कांच जैसी दीवार की वजह से ये मान बैठे हैं कि हम कुछ नहीं कर सकते। और हममें से काफी लोग तो ऐसे जरूर होंगे जो शार्क की तरह कोशिश करना भी छोड़ चुके होंगे। लेकिन सोचिये जब टैंक से दिवार हटा दी गयी फिर भी शार्क ने हमला नहीं किया क्यूंकि वो हार मान चुकी थी, कहीं आपने भी तो हार नहीं मान ली? कोई परेशानी या अवरोध हमेशा नहीं रहता , क्या पता आपकी काँच की दीवार भी हट चुकी हो लेकिन आप अपनी सोच की वजह से प्रयास ही नहीं कर रहे।
आप भी कहीं ना कहीं ये मान बैठे हैं कि मैं नहीं कर सकता। पर मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि एक दिन आपकी दीवार भी जरूर हटेगी या हट चुकी होगी। जरुरत है तो सिर्फ आपके पुनः प्रयास की। तो सोचिये मत, प्रयास करते रहिये आप जरूर कामयाब होंगे