कभी कभी सफलता खुद चलकर इंसान के पास आती है जिसे भाग्य कहते हैं
Kabhi Kabhi safalta khud chalkar insane ke paas aati hai jise bhagya kahte hai
माना जाता है की सफलता के लिए भाग्य और मेहनत दोनों ज़रूरी होते हैं| जो लोग जीवन में लगन के साथ मेहनत करते हैं वो सफल होते हैं लेकिन दुनियाँ में कुछ मजेदार आविष्कार ऐसे भी हैं जिसके लिए साइंटिस्ट को कुछ नहीं करना पड़ा बस एक अचानक घटी घटना ने सब कुछ बदल कर रख दिया|
अमेरिकन इंजिनियर पेर्सी स्पेन्सर भी उन्हीं तरह के में शामिल हैं जिनकी सफलता महज एक संयोग भर था| दूसरे विश्वयुध के दौरान पेर्सी एक परीक्षण कर रहे थे कि कैसे शत्रु के विमान को रडार से देखा जा सकता है| अचानक रडार से माइक्रोवेव किरण निकली और पेर्सी की जेब मे रखी केंडी बार(टॉफ़ी) पिघर गयी| पेर्सी को ये देखकर बड़ी हैरानी हुई उसने फिर ये प्रयोग पॉपकॉर्न जैसी अन्य चीज़ों के साथ भी किया तो उनका भी वही हाल हुआ| फिर उन्होंने ये जादू अपने दोस्तों को दिखाने के लिए उन्हें बुलाया और फिर पेर्सी ने एक अंडे को भी पिघलाने का सोचा लेकिन जैसे ही माइक्रोवेव किरण उस पर पड़ीं सारा अंडा पेर्सी के चेहरे पे छिटक कर आ गया|
पेर्सी की समझ में आ गया की ये किरण चीज़ों को भेद सकतीं हैं और इसीलिए सभी चीज़ें गरम होकर पिघल जाती हैं| बस फिर क्या था कुछ दिनों के एक्सपेरिमेंट के बाद पेर्सी ने माइक्रोवेव ओवेन(Microwave Oven) बना डाला जिसे आज हम खाना गरम करने में उसे करते हैं| उसके बाद बिज़नेस इंडस्ट्रिओं को भी नया मोड़ मिला और आज माइक्रोवेव ओवेन बनाने वाली कई कंपनियाँ मिलिनएयर हैं| पेर्सी को ज़्यादा मेहनत तो नहीं करनी पड़ी लेकिन एक घटना ने उसका पूरा जीवन बदल दिया|