दया – चुटपुटकुले – अशोक चक्रधर Daya-Chutputkule -Ashok Chakradhar भूख में होती है कितनी लाचारी, ये दिखाने के लिए एक भिखारी, लॉन की घास खाने लगा, घर की …
The Little Wave The story is about a little wave, bobbing along in the ocean, having a grand old time. He s enjoying the wind and the fresh air …
चुटपुटकुले (कविता) – चुटपुटकुले – अशोक चक्रधर Chutputkule -Ashok Chakradhar चुटपुटकुले ये चुटपुटकुले हैं, हंसी के बुलबुले हैं। जीवन के सब रहस्य इनसे ही तो खुले हैं, बड़े …
It s Never Too Late It was an unusually busy day for the hospital staff on the sixth floor. Ten new patients were admitted and Nurse Susan spent the …
फिर कभी – (सो तो है) – अशोक चक्रधर Fir Kabhi -Ashok Chakradhar एक गुमसुम मैना है अकेले में गाती है राग बागेश्री । तोता उससे कहे कुछ …
देह नृत्यशाला – (सो तो है) – अशोक चक्रधर Deh Nrityashala -Ashok Chakradhar अँधेरे उस पेड़ के सहारे मेरा हाथ पेड़ की छाल के अन्दर ऊपर की ओर …
Four Burning Candles In a room there were four candles burning. The ambience was so soft you could hear them talking. The first one said, I am PEACE, however …
चल दी जी, चल दी – (सो तो है) – अशोक चक्रधर Chal di ji chal di -Ashok Chakradhar मैंने कहा चलो उसने कहा ना मैंने कहा तुम्हारे …