Hindi Poem of Ghalib “Junu ki dast-giri kis se ho gar ho na uryani , “जुनूँ की दस्त-गीरी किस से हो गर हो न उर्यानी ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जुनूँ की दस्त-गीरी किस से हो गर हो न उर्यानी – ग़ालिब Junu ki dast-giri kis se ho gar ho na uryani -Ghalib जुनूँ की दस्त-गीरी किस से हो …

Hindi Poem of Ghalib “jada-e-rah Khur ko waqt-e-sham hai taar-e-shua , “जादा-ए-रह ख़ुर को वक़्त-ए-शाम है तार-ए-शुआ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जादा-ए-रह ख़ुर को वक़्त-ए-शाम है तार-ए-शुआ – ग़ालिब jada-e-rah Khur ko waqt-e-sham hai taar-e-shua -Ghalib   जादा-ए-रह ख़ुर को वक़्त-ए-शाम है तार-ए-शुआ चर्ख़ वा करता है माह-ए-नौ से आग़ोश-ए-विदा …

Hindi Poem of Ghalib “Zindagi apni jab is shakal se guzari ‘Ghalib’ , “ज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री ‘ग़ालिब’” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री ‘ग़ालिब’ – ग़ालिब Zindagi apni jab is shakal se guzari ‘Ghalib’ -Ghalib   ज़िंदगी अपनी जब इस शक्ल से गुज़री हम भी …

Hindi Poem of Ghalib “Zamana sakhat kam-Aazar hai ba-Jan-e-asad, “ज़माना सख़्त कम-आज़ार है ब-जान-ए-असद” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ज़माना सख़्त कम-आज़ार है ब-जान-ए-असद – ग़ालिब Zamana sakhat kam-Aazar hai ba-Jan-e-asad -Ghalib ज़माना सख़्त कम-आज़ार है ब-जान-ए-असद वगरना हम तो तवक़्क़ो ज़्यादा रखते हैं तन-ए-ब-बंद-ए-हवस दर नदादा रखते …

Hindi Poem of Ghalib “Ja-bas-ki maskh-e-Tamasha junu-alamat hai , “ज़-बस-कि मश्क़-ए-तमाशा जुनूँ-अलामत है” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ज़-बस-कि मश्क़-ए-तमाशा जुनूँ-अलामत है – ग़ालिब Ja-bas-ki maskh-e-Tamasha junu-alamat hai -Ghalib   ज़-बस-कि मश्क़-ए-तमाशा जुनूँ-अलामत है कुशाद-ओ-बस्त-ए-मिज़्हा सीली-ए-नदामत है न जानूँ क्यूँकि मिटे दाग़-ए-तान-ए-बद-अहदी तुझे कि आइना भी वार्ता-ए-मलामत …

Hindi Poem of Ghalib “Jab tak dahan-e-jakham na peda kare koi , “जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई” Complete Poem for Class 10 and Class 12

जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई – ग़ालिब Jab tak dahan-e-jakham na peda kare koi -Ghalib   जब तक दहान-ए-ज़ख़्म न पैदा करे कोई मुश्किल कि तुझ से …

Hindi Poem of Ghalib “Chashm-e-khub khamushi mein bhi nava-padaz hai , “चशम-ए-ख़ूबां ख़ामुशी में भी नवा-परदाज़ है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

चशम-ए-ख़ूबां ख़ामुशी में भी नवा-परदाज़ है – ग़ालिब Chashm-e-khub khamushi mein bhi nava-padaz hai -Ghalib चश्म-ए-ख़ूबाँ ख़ामुशी में भी नवा-पर्दाज़ है सुर्मा तो कहवे कि दूद-ए-शोला-ए-आवाज़ है पैकर-ए-उश्शाक़ साज़-ए-ताला-ए-ना-साज़ …