Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Kaisa geet pranaya ke gaye , “कैसे गीत प्रणय के गाये” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कैसे गीत प्रणय के गाये – राकेश खंडेलवाल Kaisa geet pranaya ke gaye – Rakesh Khandelwal   ये अम्बर पर घिरी घटाओं में घुलते यादों के साये ऐसे में …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Antim geet , “अंतिम गीत ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अंतिम गीत – राकेश खंडेलवाल Antim geet – Rakesh Khandelwal   विदित नहीं लेखनी उंगलियों का कल साथ निभाये कितना इसीलिये मैं आज बरस का अंतिम गीत लिखे जाता …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Kitni aur umar baki hai, “कितनी और उम्र बाकी है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कितनी और उम्र बाकी है – राकेश खंडेलवाल Kitni aur umar baki hai – Rakesh Khandelwal   हर मौसम फ़ागुन के रंगों में रंग लिया भावनाऒ ने एक तुम्हारी …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Lekin sambodhan par , “लेकिन संबोधन पर ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

लेकिन संबोधन पर – राकेश खंडेलवाल Lekin sambodhan par – Rakesh Khandelwal   सोचा मैने लिखूँ तुम्हें इक पत्र ह्रदय के भावों वाला लेकिन संबोधन पर आकर अटकी रही …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Kalpna ke chitra mere , “कल्पना के चित्र मेरे ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

कल्पना के चित्र मेरे – राकेश खंडेलवाल Kalpna ke chitra mere – Rakesh Khandelwal   बढ़ रहे हैं हर डगर में आजकल कोहरे घनेरे और धुंधले हो रहे हैं …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Raat ne jo bansuri chodi , “रात ने जो बाँसुरी छेड़ी ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

रात ने जो बाँसुरी छेड़ी – राकेश खंडेलवाल Raat ne jo bansuri chodi – Rakesh Khandelwal   रागिनी उल्लास के रह रह सुमन चुनने लगी है रात ने जो …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Dhai akshar door , “ढाई अक्षर दूर ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ढाई अक्षर दूर – राकेश खंडेलवाल Dhai akshar door – Rakesh Khandelwal   भटक गया हरकारा बादल, भ्रमित कहाँ, मैं सोच रहा मेरे घर से ढाई अक्षर दूर तुम्हारा …

Hindi Poem of Rakesh Khandelwal “Grahan koi lag na paye , “ग्रहण कोई लग न पाये ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

ग्रहण कोई लग न पाये – राकेश खंडेलवाल Grahan koi lag na paye – Rakesh Khandelwal   अर्चना की दीप तो तूने जलाया है उपासक देखना अब वर्तिका पर …