Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Vyakul Chal ”, “व्याकुल चाह” Complete Poem for Class 10 and Class 12

व्याकुल चाह -सुभद्रा कुमारी चौहान Vyakul Chal – Subhadra Kumari Chauhan   सोया था संयोग उसे किस लिए जगाने आए हो? क्या मेरे अधीर यौवन की प्यास बुझाने आए …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Samarpan”, “समर्पण” Complete Poem for Class 10 and Class 12

समर्पण -सुभद्रा कुमारी चौहान Samarpan – Subhadra Kumari Chauhan   सूखी सी अधखिली कली है परिमल नहीं, पराग नहीं। किंतु कुटिल भौंरों के चुंबन का है इन पर दाग़ …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Swadesh ke prati”, “स्वदेश के प्रति” Complete Poem for Class 10 and Class 12

स्वदेश के प्रति -सुभद्रा कुमारी चौहान Swadesh ke prati – Subhadra Kumari Chauhan   आ, स्वतंत्र प्यारे स्वदेश आ, स्वागत करती हूँ तेरा। तुझे देखकर आज हो रहा, दूना …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Sadh”, “साध ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

साध -सुभद्रा कुमारी चौहान Sadh – Subhadra Kumari Chauhan   मृदुल कल्पना के चल पँखों पर हम तुम दोनों आसीन। भूल जगत के कोलाहल को रच लें अपनी सृष्टि …

Hindi Poem of Subhadra Kumari Chauhan “Vedna”, “वेदना” Complete Poem for Class 10 and Class 12

वेदना -सुभद्रा कुमारी चौहान Vedna – Subhadra Kumari Chauhan   दिन में प्रचंड रवि-किरणें मुझको शीतल कर जातीं। पर मधुर ज्योत्स्ना तेरी, हे शशि! है मुझे जलाती॥ संध्या की …