Hindi Poem of Sumitranand Pant “Aao, Hum Apne Men Teve ”, “आओ, हम अपना मन टोवें ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

आओ, हम अपना मन टोवें -सुमित्रानंदन पंत Aao, Hum Apne Men Teve – Sumitranand Pant आओ, अपने मन को टोवें! व्यर्थ देह के सँग मन की भी, निर्धनता का …

Hindi Poem of Sumitranand Pant “Amar Sparsh ”, “अमर स्पर्श” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अमर स्पर्श -सुमित्रानंदन पंत Amar Sparsh – Sumitranand Pant खिल उठा हृदय, पा स्पर्श तुम्हारा अमृत अभय! खुल गए साधना के बंधन, संगीत बना, उर का रोदन, अब प्रीति …

Hindi Poem of Sumitranand Pant “Ganga ”, “गंगा” Complete Poem for Class 10 and Class 12

गंगा -सुमित्रानंदन पंत Ganga – Sumitranand Pant अब आधा जल निश्चल, पीला,– आधा जल चंचल औ’, नीला– गीले तन पर मृदु संध्यातप सिमटा रेशम पट सा ढीला। ऐसे सोने …

Hindi Poem of Sumitranand Pant “Drut Jharo Jagat ke Jirn Patra ”, “द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र -सुमित्रानंदन पंत Drut Jharo Jagat ke Jirn Patra – Sumitranand Pant द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र! हे स्रस्त-ध्वस्त! हे शुष्क-शीर्ण! हिम-ताप-पीत, मधुवात-भीत, …