Hindi Poem of Sumitranand Pant “Dhenuyen ”, “धेनुएँ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

धेनुएँ -सुमित्रानंदन पंत Dhenuyen – Sumitranand Pant ओ रंभाती नदियों, बेसुध कहाँ भागी जाती हो? वंशी-रव तुम्हारे ही भीतर है! ओ, फेन-गुच्छ लहरों की पूँछ उठाए दौड़ती नदियों, इस …

Hindi Poem of Sumitranand Pant “Chodo Dhumon ki Mridu Chaya ”, “छोड़ द्रुमों की मृदु छाया” Complete Poem for Class 10 and Class 12

छोड़ द्रुमों की मृदु छाया -सुमित्रानंदन पंत Chodo Dhumon ki Mridu Chaya – Sumitranand Pant छोड़ द्रुमों की मृदु छाया, तोड़ प्रकृति से भी माया, बाले! तेरे बाल-जाल में …