शक्ति और क्षमा -रामधारी सिंह दिनकर Shakti Aur Kshama -Ramdhari Singh Dinkar क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल सबका लिया सहारा पर नर व्याघ्र सुयोधन तुमसे कहो, कहाँ कब हारा …
समुद्र का पानी -रामधारी सिंह दिनकर Samudra Ka Pani -Ramdhari Singh Dinkar बहुत दूर पर अट्टहास कर सागर हँसता है। दशन फेन के, अधर व्योम के। ऐसे में सुन्दरी …
शोक की संतान -रामधारी सिंह दिनकर Shok Ki Santan -Ramdhari Singh Dinkar हृदय छोटा हो, तो शोक वहां नहीं समाएगा। और दर्द दस्तक दिये बिना दरवाज़े से लौट …
वीर -रामधारी सिंह दिनकर Veer -Ramdhari Singh Dinkar सलिल कण हूँ, या पारावार हूँ मैं स्वयं छाया, स्वयं आधार हूँ मैं सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को …
राजा वसन्त वर्षा ऋतुओं की रानी -रामधारी सिंह दिनकर Raja Basant Varsha Rituon ki Rani – Ramdhari Singh Dinkar राजा वसन्त वर्षा ऋतुओं की रानी लेकिन दोनों की कितनी …
लोहे के पेड़ हरे होंगे -रामधारी सिंह दिनकर Lohe ke Pedh Hare Honge -Ramdhari Singh Dinkar लोहे के पेड़ हरे होंगे, तू गान प्रेम का गाता चल, नम होगी …
मेरे नगपति! मेरे विशाल! -रामधारी सिंह दिनकर Mere Nagpati Mere Vishal – Ramdhari Singh Dinkar मेरे नगपति! मेरे विशाल! साकार, दिव्य, गौरव विराट, पौरुष के पुन्जीभूत ज्वाल! मेरी जननी …
विजयी के सदृश जियो रे -रामधारी सिंह दिनकर Vijayi ke Sadrish Jiyo Re – Ramdhari Singh Dinkar वैराग्य छोड़ बाँहों की विभा संभालो चट्टानों की छाती से दूध …