प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana
किसानों की हालत इस वर्ष भी खास बेहतर नहीं हुई हैं . उनकी परेशानी को थोड़ा कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके लिये नई फसल बीमा योजना का ऐलान किया हैं . यह योजना किसानो पर से फसल के लिए लिए गए लोन का भार कम करने में सहायक होगी . बताया जा रहा हैं इस योजना से 13 करोड़ किसानो भाइयों को लाभान्वित किया जायेगा . इस योजना के उपलक्ष में केन्द्रीय बैठक 13 जनवरी 2016 को की गई जिसमे बिना किसी बहस के इस योजना पर मोहर लगा दी गई और इस तरह सरकार ने देश के किसानो को, मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी जो कि किसानो के विशेष त्यौहार माने जाते हैं पर एक बहुत सुंदर और एतिहासिक तौहफा दिया . मोदी जी ने स्पष्ट कहा हैं कि इस योजना के लिए सरल प्रक्रिया को रखा जाए जिससे किसान भाई इससे आसानी से जुड़े और जल्द से जल्द बीमा राशि बिना कठिनाई के प्राप्त कर सके .
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या हैं ?
इस योजना के तहत केंद्र एवम राज्य सरकार द्वारा किसानो को उनकी फसल के लिए बिमा करवाया जायेगा जिसमे प्रीमियम दर बहुत कम कर दी गई हैं जिससे किसानो को पूरा लाभ मिले .
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम कम होगा लेकिन ज्यादा नुकसान पूरा किया जायेगा . इस योजना में लगने वाले बजट का वहन दोनों राज्य एवम केंद्र सरकार द्वारा उठाया जायेगा . अनुमानित तौर पर इसका बजट 17600 करोड़ तय किया गया हैं . यह बिमा एग्रीकल्चर इंशोरेंस कंपनी के अंडर में होगा यह कंपनी बिमा भुगतान करेगी .
योजना के तहत प्रीमियम दर :
रबी की फसल : रबी की फसल पर 1.5 % प्रीमियम होगा जिनमे गेंहू, चना, जों, मसूर एवम सरसों आदि आती हैं .
खरीब की फसल : खरीब की फसल पर 2% प्रीमियम होगा जिसमे धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मुंग, गन्ना एवम मूंगफली आदि आती हैं .
बागवानी फसल : बागवानी फसल पर 5% प्रीमियम होगा जिसमे कपास को लिया जाता हैं .
तिलहन की फसल : तिलहन की फसल पर भी 1.5% प्रीमियम होगा .
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कब लागू की जायेगी ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ऐलान 13 जनवरी को किया गया हैं लेकिन यह खरीब की फसल के दौरान अर्थात जून में लागु की जायेगी . यह योजना पुरे देश में लागू की जायेगी . चलने वाली पुरानी योजनाओ को बंद कर दिया जायेगा .
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिये योग्यता :
इस योजना के तहत देश का कोई भी किसान बिमा करवा सकता हैं . यहाँ तक की बटाई अथवा खोट से खेती करने वाला किसान भी इस योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवा सकता हैं जिसके लिये उसे जटिल प्रक्रिया का सामना नहीं करना होगा . मोदी जी ने खासतौर पर कहा हैं इस योजना को सरल से सरल प्रक्रिया के रूप में ही लागू किया जाए ताकि हर छोटा बड़ा किसान इससे बिना किसी परेशानी के जुड़ सके और उसे हर हाल में इस योजना से लाभ और सहारा मिले .
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विमोचन में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया हैं कि यह योजना किसानो को सुरक्षित करने के उद्देश्य से लायी जा रही हैं . इससे होने वाले नुकसान से किसान को राहत मिलेगी . देश भर में किसानो के लिए कई तरह की योजना चलाई जा रही हैं जिनमे बहुत सी परेशानियाँ सामने आई हैं उन्ही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बनाया गया हैं . अब सभी योजनाओं के स्थान पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जाएगी जो कि ज्यादा कारगर सिद्ध होगी . इस प्रकार नेशनल अग्रीकल्चर इंशोरेंस स्कीम और मॉडिफाई नेशनल अग्रीकल्चर इंशोरेंस स्कीम आदि सभी जल्द ही बंद कर दी जाएगी . पहले की बीमा स्कीम में बहुत अधिक प्रीमियम भरना पड़ता था इस स्कीम में लगभग 25 से 50 फीसदी राहत हैं .
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सरकार की भूमिका :
योजना के तहत जब कोई किसान प्राकृतिक आपदा के कारण अपनी फसल को खो देता हैं तब किसानो को तुरंत 25 % नुकसान दिया जायेगा और बचा हुआ नुकसान स्थिती के अवलोकन के बाद दिया जायेगा .
इस योजना में 8% का वहन केंद्र और 8 % का वहन राज्य द्वारा उठाया जायेगा जबकि 2% राशि प्रीमियम के तौर पर किसान द्वारा जमा किया जायेगा .
इस योजना में आने वाले खर्च का वहन केंद्र और राज्य दोनों के द्वारा किया जायेगा .
यह योजना पुरे देश के किसानों को लाभान्वित करेगी जिससे किसानो की आत्महत्या बढ़ती तादात को कम किया जा सकेगा .
इस बिमा योजना के लिए की जाने वाली पूरी कार्यवाही को आसान बनाया जायेगा जिससे किसान आसानी से इसे पूरा कर राशि प्राप्त कर सके .
किसानो पर सबसे बड़ी समस्या प्राकृतिक आपदा हैं जिसके चलते गत कई वर्षों से किसान गर्त में जाते जा रहा हैं इसलिए इस योजना को 23 % से बढ़ाकर 50 % तक ले जाने की सोच हैं .
इस योजना के तहत 13.5 करोड़ किसानो को जोड़ा जायेगा और संकट से उभारा जायेगा .
इस योजना के तहत सभी किसान शामिल हो सकते हैं जिन्होंने उधार लेकर बीज बोया हैं या अपने स्वयं के धन से बीज बोया हो . दोनों परिस्थिति में किसान बीमा के लिये क्लेम कर सकता हैं .
केंद्र ने राज्य को अपने नियमों में संशोधन का आदेश दिया हैं जिससे किसान इस योजना से आसानी से जुड़ सके . देश के कई हिस्सों में बटाई पर खेती की जाती हैं जिस कारण कई किसानो के पास प्रमाण नहीं होता कि उन्होंने फसल में पैसा लगाया हैं जिसके लिये नियमो में संशोधन कर उन बटाईदार किसानो को प्रमाणपत्र मुहैया कराये जायेंगे जिससे वे इस योजना का लाभ उठा सके .
सरकार ने तकनिकी सुविधा भी दी हैं जिससे किसानो को जल्द से जल्द राशि मिल सके .
तकनिकी सुविधा के कारण इसमे फ्रॉड होने की गुंजाईश भी कम होगी जिससे धन सही हाथों में जायेगा . जरूरतमंद ही योजना का लाभ उठा पायेंगे .
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के ऐलान के बाद राजनाथ एवम वेकैया नायडू ने इस पर खुलकर बातचीत की और इसे सरकार का ऐतिहासिक फैसला कहा . पिछले कई वर्षो से देश का किसान दुखी होकर फासी को गले लगा रहा हैं . मौसम की मार ने किसान को गहरा आघात पहुँचाया हैं जिससे उन्हें राहत दिलाने के लिये सरकार ने इस नवीनतम योजना का फैसला लिया हैं . देश के आधिकांश किसान छोटे शहरों, कस्बो एवम गाँव में निवास करते हैं इसलिये सरकार ने योजना को उन तक पहुचाने के लिये राज्य को कई नये निर्देश भी दिये हैं और योजना को आसान बनाने का भी आदेश दिया गया हैं . इस योजना का मुख्य उद्देश बस किसानो को सुरक्षित करना हैं ताकि वे जिन्दगी की दौड़ से हार ना माने . यह अब तक की सबसे अच्छी फसल बीमा योजना मानी जा रही हैं . खासतौर इसकी सरल प्रक्रिया एवम कम प्रीमियम दर के कारण अधिक से अधिक किसान इससे जुड़ सकेंगे .
अब बस यही कामना हैं कि देश में किसानो की आत्महत्या से बढ़ी मृत्यु दर कम होगी और व्यवस्था सुचारू रूप से लागू होने के बाद बिमा की राशि सही वक्त पर सही हाथों पहुंचे . इसके लिये जरुरी हैं कि सभी लोग इस योजना के बारे में अमूल्य जानकारी एकत्र कर अपने आस पास के किसान भाइयों तक इसे पहुँचाये जिससे किसान इससे जुड़ सके . साथ ही उनकी मदद भी करे ताकि उन तक बीमा राशी पहुँच सके . अधिकांश किसान बिना पढ़ा लिखा हैं जिस कारण पैसा गरीब किसान तक पहुँचने से पहले ही गायब हो जाता और किसान बस दौड़ता ही रह जाता हैं . इसी कारण जो भी इस योजना के बारे में पढ़े या सुने उसे जरुर अन्य से बाँटे जिससे किसान के दुःख हम उसका छोटा सा साथ दे सके .