श्रमेव जयते योजना
Shramev Jayate Yojana
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 अक्टूबर 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते (Shramev Jayate Yojana) कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए श्रम की जरूरत है। हमने आज तक श्रम को उचित दर्जा नहीं दिया है। हमें अब श्रमिकों के प्रति नजरिया बदलना होगा। हमारा श्रमिक श्रम योगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सत्यमेव जयते जितनी ही ताकत श्रमेव जयते (Shramev Jayate Yojana) में भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्रमेव जयते (Shramev Jayate Yojana)’ कार्यक्रम दरअसल ‘मेक इन इंडिया’ विजन का ही एक अहम हिस्सा है, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में युवाओं का कौशल विकास करने का रास्ता साफ होगा और इसके साथ ही भारत को आने वाले वर्षों में काबिल कर्मचारियों की वैश्विक जरूरत को पूरा करने का अवसर भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें श्रमिकों की समस्याओं को श्रमिकों की आंख से देखना होगा, ना कि उद्योगपतियों की आंख से। उन्होंने कहा कि आज देश के पास नौजवानों की बहुत बड़ी फौज है। आइटीआइ का पक्ष लेते हुए मोदी ने कहा कि आइटीआइ तकनीकी शिक्षा का शिशु मंदिर है। इसे लेकर हीनभावना क्यों हैं? उन्होंने कहा कि आइटीआइ के होनहार छात्रों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। कागजी पढ़ाई में पिछड़ने वालों को आईटीआई में दाखिला मिलना चाहिए। मोदी ने कहा कि सरकार गरीबों के पीएफ में पड़े 27 हजार करोड़ रुपये वापस लौटाएगी।
इससे पहले देश में औद्योगिक विकास के अनुकूल माहौल तैयार करने के साथ-साथ श्रम क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएफ ग्राहकों के लिए यूनिवर्सल एकाउंट नंबर समेत कई योजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने दक्षता विकास व श्रम सुधारों से संबंधित दीनदयाल उपाध्याय ‘श्रमेव जयते कार्यक्रम’ की शुरुआत की।
श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इन पहलों को प्रधानमंत्री के ‘मिनीमम गवर्नर्मेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस’ की दूरदर्शिता को हासिल करने की दिशा में साहसिक कदम बताते हुए जोर देकर कहा कि मंत्रालय के सभी कार्यों का उद्देश्य व्यवस्था में अधिक पारदर्शिता और गति लाना है। श्री तोमर ने बताया कि भारत की अनुकूल भौगोलिक स्थिति से होने वाले फायदे की कल्पना और देश में व्यवसाय की सुविधा के साथ संसद में तीन विधेयक लाये जा चुके हैं। अनुमान है कि एपरेंटिस अधिनियम के लागू होने पर प्रशिक्षुओं की संख्या 23 लाख से ऊपर चली जाएगी। श्री तोमर ने कहा कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम मंत्रालय के लिए एक अधिनियम लाने और देश से बाल श्रम को समाप्त करने के लिए संशोधन लाएगी।
Shramev Jayate Yojana Portal :-
श्रम क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए समर्पित श्रम सुविधा पोर्टल बनाया गया हैं। यह करीब 6 लाख इकाइयों को श्रम पहचान संख्या आवंटित करेगा और उन्हें 44 श्रम कानूनों में से 16 के लिए ऑनलाइन स्वीकृति दायर करने की इजाजत देगा। केन्द्रीय क्षेत्र में श्रम सुविधा पोर्टल और श्रम निरीक्षण योजना का समर्पण है। मंत्रालय ने औद्योगिक विकास के लिए उपयुक्त माहौल बनाने के उद्देश्य से केन्द्रीय क्षेत्र में श्रम सुविधा पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल की विशेषताएं हैं :-
ऑनलाइन पंजीकरण के लिए इकाइयों को विशिष्ट श्रम पहचान संख्या आवंटित की जाएगी।
उद्योग द्वारा स्वयं प्रमाणित और सरल ऑनलाइन रिटर्न दायर करना। अब इकाइयों को 16 अलग रिटर्न दायर करने के बजाय सिर्फ एक रिटर्न ऑनलाइन दायर करना होगा।
श्रम निरीक्षकों द्वारा 72 घंटे के भीतर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य है।
पोर्टल की मदद से समय पर शिकायत का निवारण होगा।
नजरिया अगर सम्मानजनक हो तो ‘श्रम योगी’ बन जाते हैं ‘राष्ट्रयोगी’ और ‘राष्ट्र निर्माता’। हमें श्रमिकों की नजर से ही श्रम मुद्दों को देखना चाहिए। श्रमेव जयते (Shramev Jayate Yojana) पहल से विश्वास बढ़ेगा, युवाओं की काबिलियत बढ़ेगी और व्यवसाय करना आसान होगा| सरकार को अपने नागरिकों पर अवश्य भरोसा करना चाहिए, स्व-प्रमाणन की इजाजत देना इस एक कदम है। दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रमिकों की नजर से श्रम मुद्दों को समझने की पुरजोर वकालत की, ताकि उन्हें संजीदगी के साथ सुलझाया जा सके। नई दिल्ली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम में पांच नई पहलों की शुरुआत के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह का सम्मानजनक नजरिया अपनाने से ‘श्रम योगी’ (श्रमिक) पहले ‘राष्ट्र योगी’ और फिर राष्ट्र निर्माता बन जायेंगे।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार को अपने नागरिकों पर अवश्य भरोसा करना चाहिए और दस्तावेजों के स्व-प्रमाणन की इजाजत देकर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि श्रमेव जयते कार्यक्रम के तहत आज जिन विभिन्न पहलों की शुरुआत की गई है, वे भी इस दिशा में अहम कदम हैं। प्रधानमंत्री ने एक साथ अनेक योजनाओं का शुभारंभ करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की है, जिनके अंतर्गत श्रमिकों के साथ-साथ नियोजकों के हितों का भी ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि श्रम सुविधा पोर्टल ने महज एक ऑनलाइन फॉर्म के जरिये 16 श्रम कानूनों का अनुपालन आसान कर दिया है।
उन्होंने कहा कि निरीक्षण के लिए यूनिटों का अनियमित चयन करने की पारदर्शी ‘श्रम निरीक्षण योजना’ से इंसपेक्टर राज की बुराइयों से निजात मिलेगी और इसके साथ ही कानूनों का बेहतर ढंग से पालन भी सुनिश्चित होगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में 27,000 करोड़ रुपये की विशाल राशि बगैर दावे के पड़ी है। उन्होंने कहा कि यह रकम भारत के गरीब श्रमिकों के पसीने की कमाई है। उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सल एकाउंट नम्बर के जरिये कर्मचारी भविष्य निधि में सुनिश्चित की गई पोर्टेबिलिटी से इस तरह की रकम के फंस जाने और वास्तविक लाभार्थियों तक उसके न पहुंच पाने की समस्या से निजात मिल जायेगी।