Tag: Hindi Poems
जब से तुम्हें देखा है Jab se tumhe dekha he जब से तुम्हें देखा है अखबार के पन्ने पर , मन का चैन उड़ गया है, समीरा! पल-पल …
चुनरी के दाग़ Chunari ke daag अचानक लगा मैं हूँ , पर अपने से भिन्न! सब कुछ घूमता हुआ सारा बिगत, प्रत्यक्ष घटता हुआ! शुरू से आखीर तक …
रक्तबीज Rakt Beej भैंसा फिर उछल रहा है! घसीट रहा इन्सानियत को जकड़ने, डालने को कैद में, अपनी रखैल बना कर! उछल-उछल बार बार,चला रहा है सींग , …
मैं तुम्हारा शंख हूँ Me tumhara shankh hu ज्योति से करतल किरण सी अँगुलियों में मैं तुम्हारी चेतना का उच्छलित कण मैं तुम्हारा शंख हूँ , तुम फूँक …
जन्नत का नज़ारा Jannat ka nazara बहत्तर कुआँरियाँ एक आदमी के लिये! वाह क्या बात है! यह है जन्नत का नज़ारा! यहाँ तो चार पर ही मन …
अपना घर Apna ghar कहाँ है मेरा घर? जाना चाहती हूँ , रहना चाहती हूँ अब वहीं! छोटी थी तो समझ में नहीं आता था , सुनती थी …
मेरे गीत तुम्हारे Mere geet tumhare मेरे गीत तुम्हारे! ये अभाव के गान, किसी मानस की आकुल तान, व्यथा की क्षण-क्षण की अनुभूति, जहाँ पर आ कर बँधती! …
हल्का-फुल्का Halka Phulka निकल आओ कमरे से बाहर ज़रा , इस खुली अगहनी धूप में बैठ लें! खींच लें प्लास्टिकी कुर्सियाँ ,इस तरफ़ साथ चलती सड़क का किनारा …