Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Yaad tumhari aati he”,” याद तुम्हारी आती है” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

याद तुम्हारी आती है  Yaad tumhari aati he   जब पलकें झपका कर नभ में तारे हँसते, तब मेरे मन को याद तुम्हारी आती है! जब झूम-झूम उठते फूलों …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Shabd mere he”,” शब्द मेरे हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

शब्द मेरे हैं  Shabd mere he   शब्द मेरे हैं अर्थ मैंने ही दिये ये शब्द मेरे हैं! व्यक्ति औ अभिव्यक्ति को एकात्म करते जो , यों कि  मेरे …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Agni Sambhava”,” अग्नि-संभवा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अग्नि-संभवा  Agni Sambhava   कृष्ण ,मेरे मीत! अग्नि संभव द्रौपदी मैं खड़ी अविचल! जल रही अनुताप में , उद्दीप्त पल-पल, क्षुब्ध और! अशान्त! तुम तपन झेलो ,न कोई और! …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Master ki chori”,” मास्टर की छोरी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मास्टर की छोरी  Master ki chori   विद्या का दान चले , जहाँ खुले हाथ , कन्या तो और भी  सरस्वती की जात! और सिर पर पिता मास्टर का …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Mukti”,” मुक्ति” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मुक्ति  Mukti   कोई एहसान नहीं किया हमने तुम पर! यह तो तुम्हारा अधिकार था और हमारा कर्तव्य! पीढियों का ऋण चढा था जो हम पर , उतार, दिया …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Machuara”,” मछुआरा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मछुआरा  Machuara   मछुआरा फिर से जाल समेटेगा! हो सावधान री, प्राणों की मछली , तू कितनी बार बची आई ,फिसली , हर बार नहीं बच पाता कोई भी …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “Dharti ka akarshan”,”धरती का आकर्षषण” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

धरती का आकर्षषण  Dharti ka akarshan   मैं इसको छोड़ कहाँ जाऊँ ,इस धरती का आकर्षण है! ऊँचे पर्वत , गहरे सागर ,ये वन सरितायें ,ग्राम-नगर ऋतुओं के नित-नित …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Vipathga”,” विपथगा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

विपथगा  Vipathga   प्राणों में जलती आग , हृदय में यग-युग का वेदना-भार , नयनों मे पानी ,अधरों पर चिर-हास लिये! मैं चली वहाँ से जहाँ न थी पथ …