Tag: Hindi Poems
केलिफ़ोर्निया का राज-पुष्प California ka raj pushp वन-घासों के बीच झिलमिलाते इतने दीप! इस निर्जन वन-खंडिका में संध्याकाश के नीचे कौन धर गया? क्रीक के दोनों ओर, ढालों …
निर्जनों में Nirjano me आज माँझी ले चलो उन निर्जनों में, किसी पग की चाप से आगे वनों में ले चलो उस तट बिना पहचानवाले, जहां कोई आ …
चरैवेति Chareveti यह संस्कृति का वट-वृक्ष, पुरातन-चिरनूतन, कह ‘चरैवेति’ जो सतत खोजता नए सत्य, जड़ का विस्तार सुदूर माटियों को जोड़े निर्मल, एकात्म चेतना का जीवन्त उत्स. आधार …
तुम अचिर मधुमास की पहली सुहागिन Tum Achir madhumas ki pahli suhagin तुम अचिर मधुमास की पहली सुहागिन, क्यों न जाने कुँज-वन मे कूकती रहतीं अकेली! लाल फूलों …
तुम्हारे साथ होना चाहती हूँ Tumhare saath hona chahti hu तब मैं तुम्हारे साथ होना चाहती हूँ. शैशव की लीलाओं में वात्सल्य भरे नयनों की छाँह तले, सबसे …
तुम प्रणम्य Tum Pramay हे, मातृ-रूप हे विश्व-प्राण की प्रवाहिका हे नियामिका, वह परम-भाव ही इस भूतल पर छाया बन करुणा-ममता केवल अनुभव-गम्या, रम्या धारणा-जगतके आरपार तुम मूल …
बहुत दिन हो गए Bahut din ho gye बहुत दिन हो गए नदिया बड़ी संयत रही है, लहर के जाल में सब-कुछ समाए जा रही है . कहीं …
बीतते बरस लो नमन! Bitte baras lo naman जुड़ गया एक अध्याय और, गिनती आगे बढ़ गई ज़रा, जो शेष रहा था कच्चापन परिपक्व कर गए तपा-तपा . …