Tag: Hindi Poems

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Nilam ghati ki pukar”,” नीलम घाटी की पुकार” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नीलम घाटी की पुकार  Nilam ghati ki pukar   लाख भुलाऊँ नहीं भूलती मित्रों, एक कहानी, मन को थोड़ा हलका कर लूँ कह कर उसे ज़ुबानी. पहले मेरे साथ …

Hindi Poem of Ibne Insha “ Intjar ki rat”,”इंतज़ार की रात” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इंतज़ार की रात  Intjar ki rat उमड़ते आते हैं शाम के साये दम-ब-दम बढ़ रही है तारीकी एक दुनिया उदास है लेकिन कुछ से कुछ सोचकर दिले-वहशी मुस्कराने लगा …

Hindi Poem of Pratibha Saksena “  Ujjyini se”,” उज्जयिनी से” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

उज्जयिनी से  Ujjyini se   खींचता मुझको सदा उस पुण्य-भू मे, कौन सा अज्ञात आकर्षण न जाने, बीत कर भी टेरता है विगत मुझको कौन सा मधुमास सोया है …

Hindi Poem of Ibne Insha “Kal chodhvi ki raat thi sab bhar raha charcha tera”,”कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा  Kal chodhvi ki raat thi sab bhar raha charcha tera कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा …

Hindi Poem of Ibne Insha “ Saye se”,”साए से” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साए से  Saye se क्यों मेरे साथ-साथ आता है? मेरी मंज़िल है बेनिशाँ नादाँ साथ मेरा-तेरा कहाँ नादाँ थक गए पाँव पड़ गए छाले मंज़िलें टिमटिमा रही हैं – …

Hindi Poem of Ibne Insha “Dekh hamare mathe par”,”देख हमारे माथे पर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

देख हमारे माथे पर  Dekh hamare mathe par देख हमारे माथे पर ये दश्त-ए-तलब की धूल मियां हम से है तेरा दर्द का नाता, देख हमें मत भूल मियां …

Hindi Poem of Prabhar Machve “  Prem ek paribhasha”,”प्रेम: एक परिभाषा” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रेम: एक परिभाषा  Prem ek paribhasha   प्रेम क्या किसी मृदूष्ण स्पर्श का भिखारी? प्रेम वो प्रपात गीत दिवारात गा रहा अशान्त प्रेम आत्म-विस्मृत पर लक्ष्य-च्युत शिकारी । प्रेम …

Hindi Poem of Ibne Insha “Log puchenge”,”लोग पूछेंगे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

लोग पूछेंगे  Log puchenge लोग पूछेंगे क्यों उदास हो तुम और जो दिल में आए सो कहियो “यूँ ही माहौल की गिरानी है दिन ख़िज़ाँ के ज़रा उदास-से हैं …