Tag: Hindi Poems
बहिनी का भाग Bahini ka bhag तेरी कमाई में ओ,मेरे भइया कुछ तो है बहिनी का भाग, इक नया पैसा हजार रुपैया में,बस इतना कर दे निभाव, भौजी …
तेरी माटी चंदन! Teri mati chandan तेरी माटी चंदन, तेरा जल गंगा जल, तुझमें जो बहती है वह वायु प्राण का बल, ओ मातृ-भूमि, मेरे स्वीकार अमित वंदन! …
गोरस की हाँडी Goras ki handi गोरस की हाँडी कबहुँ बोरसी पे चढी नायँ,तीज-त्यौहार हू कढ़ाही रही छूछ ही, एकै बार पेट तो भराय दिन भरै माँझ रात …
पुनर्नवा Punarva दर्पण नहीं स्वयं को देख रही हूँ तुम्हारी आँखों से! .. ऐसे देखा नहीं था कभी नई-सी लग रही हूँ अपने आप को . तुम्हारी दृष्टि …
गौरी-शंकर Gauri shankar एक बार भोले शंकर से बोलीं हँस कर पार्वती, ‘चलो जरा विचरण कर आये,धरती पर कैलाशपती! विस्मित थे शंकर कि उमा को बैठे-ठाले क्या सूझा, …
समर-शेष Samar shesh मत छीनो मुझसे ये शब्द! धरोहर है पीढ़ियों की . शताब्दियों की, सहस्राब्दियों की. बहुत कुछ खो चुकी हैं आनेवाली पीढ़ियाँ, अब ग्रहण करने दो …
ससुरारै में निदिया सताये रे! Sasurare me nindiya sataye re ससुरारै में निदिया सताये रे, जी भर के कबहुँ ना सोय पाय रे मोरी अक्कल चरै का चलि …
ओ रे, सावन इस बार जरा जल्दी आना! O re sawan is baar jara jaldi aana आ रही याद जाने कितनी उस आँगन की, क्या पता कहीं कुछ …